जयपुर: राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. यदि आप भी अपने घर का बढ़ता हुआ बिजली बिल देखकर परेशान हैं, तो अब आपके लिए एक अच्छा मौका आ सकता है. केंद्र सरकार के टाइम ऑफ द डे (ToD) टैरिफ नीति के तहत अब बिजली बिल में काफी कमी लाई जा सकती है. इस नीति के तहत, उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत के हिसाब से अलग-अलग समय पर अलग-अलग रेट का भुगतान करना होगा. यह बदलाव पूरे देश में जल्द लागू होने वाला है, और राजस्थान भी इसके लिए तैयार है.
ToD टैरिफ के तहत बिजली की दरों में बदलाव
ToD टैरिफ सिस्टम के तहत, दिन को अलग-अलग टाइम स्लॉट्स में बांटा जाएगा और हर समय के लिए अलग बिजली दर तय की जाएगी. सुबह, दोपहर, शाम और रात—हर वक्त का रेट अलग-अलग होगा. इस सिस्टम के तहत, विशेषज्ञों का कहना है कि दिन के समय, खासकर जब सौर ऊर्जा का उत्पादन अधिक होता है, तब बिजली की दरें सस्ती होंगी. वहीं, शाम के समय, जब पिक आवर होता है, बिजली की दरें बढ़ सकती हैं. असम देश का पहला राज्य था जहां इस व्यवस्था को लागू किया गया था, और अब राजस्थान भी इस बदलाव की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.
स्मार्ट मीटरिंग से जुड़ी जानकारी
इस प्रणाली का आधार स्मार्ट मीटरिंग होगा, जो उपभोक्ताओं के लिए बिलिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाएगा. स्मार्ट मीटर हर 15 मिनट में बिजली की खपत का डेटा रिकॉर्ड करेगा, जिससे उपभोक्ताओं के बिल स्लॉट के हिसाब से तय किए जाएंगे. राजस्थान में अब तक लगभग 20-22 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, और अगले 18 महीनों में राज्य के हर घर तक यह व्यवस्था पहुंच जाएगी.
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को तीन प्रमुख लाभ होंगे
स्मार्ट मीटरिंग की स्थिति और भविष्य
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मार्ट मीटरिंग योजना के तहत 20 करोड़ मीटर स्वीकृत किए हैं. नवंबर 2025 तक, देशभर में लगभग 4.76 करोड़ स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं, और अगले कुछ वर्षों में 25 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, कृषि कनेक्शन इस योजना से बाहर हैं.
ToD से उपभोक्ताओं को कितना लाभ मिलेगा?
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि ToD टैरिफ के तहत, विशेष रूप से रात और सोलर आवर में बिजली की दरें सस्ती होंगी. इस व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि आप अपने भारी-भरकम उपकरण जैसे वॉशिंग मशीन, गीजर, या चार्जिंग को सस्ते समय स्लॉट्स में इस्तेमाल करते हैं, तो आपको बिजली बिल में 30-40% तक की बचत हो सकती है.
असम में लागू, राजस्थान में कब होगा निर्णय?
असम ने 1 अप्रैल 2025 से इस ToD टैरिफ प्रणाली को लागू कर दिया है, और वहां स्मार्ट मीटरिंग पूरी तरह से सक्रिय है. अब राजस्थान में इसे लागू करने का फैसला राज्य सरकार को करना है, हालांकि केंद्र ने इसे अनिवार्य कर दिया है और नियामक आयोग ने गजट भी जारी कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव आने वाले वर्षों में उपभोक्ताओं की बिजली खपत की आदतों को पूरी तरह से बदल देगा, और राज्य में बिजली उपयोग को अधिक व्यवस्थित किया जा सकेगा.
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