'घर में घुसकर मारना नहीं बल्कि बैठ जाओ, क्योंकि PoK हमारा है' पाकिस्तान के खिलाफ बोले असदुद्दीन ओवैसी

    भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस बार घर में घुसकर मारना नहीं बल्कि घर में घुसकर बैठ जाओ। बार-बार टेररिस्ट अटैक नहीं होना चाहिए

    'घर में घुसकर मारना नहीं बल्कि बैठ जाओ, क्योंकि PoK हमारा है' पाकिस्तान के खिलाफ बोले असदुद्दीन ओवैसी
    Image Source: ANI

    भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस बार घर में घुसकर मारना नहीं बल्कि घर में घुसकर बैठ जाओ। बार-बार टेररिस्ट अटैक नहीं होना चाहिए. असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर  तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन ले। सरकार के हर फैसले का उनकी पार्टी समर्थन करेगी.

    ओवैसी ने कहा कि बीजेपी कहती है 'घर में घुस के मारेंगे'। अगर आप (केंद्र सरकार) इस बार (पाकिस्तान के खिलाफ) कार्रवाई कर रहे हैं, तो 'घर में घुस कर बैठ जाना'। यह भारतीय संसद का संकल्प है कि पीओके हमारा है। सभी विपक्षी दल सरकार से कह रहे हैं कि आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए..."।

    जाति जनगणना होना ज़रूरी है- ओवैसी

    जातिगत जनगणना पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जाति जनगणना (कास्ट सेंसस) होना ज़रूरी है ताकि कौन सी जाति कितनी विकसित हुई है इसका पता चलेगा. ओवैसी ने बंटेंगे तो कटेंगे नारे के साथ BJP कि आलोचना करते हुए करते हुए कहा कि जब इस पर बात हुई तो आपके बड़े-बड़े नेता बंटेंगे तो कटेंगे का नारा देते रहे. पसमांदा मुसलमानों की बात बीजेपी करती है, लेकिन क्या किया उनके लिए टाइम लाइन बताना चाहिए. 

    असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना के जल्द क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि जाति जनगणना होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कौन सी जाति विकसित है और कौन सी जाति अविकसित. यह देश में सकारात्मक कार्रवाई और न्याय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपने ओबीसी के आरक्षण को सिर्फ 27 प्रतिशत पर रोक दिया है, यह पर्याप्त नहीं है. ओवैसी ने जाति जनगणना के लिए सरकार से सवाल करते हुए कहा कि हम भाजपा से जानना चाहते हैं कि आप इसे कब शुरू करेंगे और कब तक पूरा करेंगे.

    ये भी पढें: 'आतंक के खिलाफ पूरा देश एक, सुरक्षाबलों का मनोबल न गिराएं…', SC ने वकीलों को क्यों लगाई फटकार?