किम जोंग से पंगा लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप? उत्तर कोरिया के करीब से गुजरा B-52, क्या तीसरा विश्वयुद्ध तय है?

    अगर स्थिति और बिगड़ी, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत का कारण बन सकती है, क्योंकि एक तरफ अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का सैन्य गठजोड़ है, तो दूसरी ओर रूस और उत्तर कोरिया जैसी शक्तियां भी हैं.

    Donald Trump to mess with Kim Jong B52 North Korea
    डोनाल्ड ट्रंप-किम जोंग | Photo: ANI

    दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने हाल ही में एक संयुक्त हवाई अभ्यास आयोजित किया, जो अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हुआ. इस अभ्यास में अमेरिका के परमाणु-सक्षम B-52 सामरिक बमवर्षक लड़ाकू विमानों को भी शामिल किया गया. यह सैन्य ड्रिल विशेष रूप से उत्तर कोरिया के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई. तीनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने इस दौरान उत्तर कोरिया से अपील की कि वह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरनाक गतिविधियां तुरंत बंद करे.

    उत्तर कोरिया और रूस की बढ़ती नजदीकी

    यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उत्तर कोरिया की यात्रा पर जा रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के सैन्य अभ्यास और रूस के साथ बढ़ते संबंध उत्तर कोरिया को और भड़का सकते हैं. इस स्थिति में उत्तर कोरिया और रूस के गठबंधन से एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय संकट का खतरा पैदा हो सकता है. यदि स्थिति और बिगड़ी, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत का कारण बन सकती है, क्योंकि एक तरफ अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का सैन्य गठजोड़ है, तो दूसरी ओर रूस और उत्तर कोरिया जैसी शक्तियां भी हैं.

    उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त प्रयास

    सियोल में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के सैन्य प्रमुखों ने उत्तर कोरिया द्वारा रूस में सैनिक तैनात करने और रूस से सैन्य तकनीक प्राप्त करने पर चिंता व्यक्त की. इन नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को रोकने के लिए वे मिलकर काम करना जारी रखेंगे. उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि रूस द्वारा उत्तर कोरिया को दी जा रही सैन्य सहायता से उसकी सैन्य क्षमता और भी मजबूत हो सकती है, जिससे क्षेत्रीय असंतुलन और बढ़ सकता है.

    सैन्य अभ्यास का उद्देश्य

    दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने हाल ही में जेजू द्वीप के पास एक संयुक्त हवाई अभ्यास भी किया. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य उत्तर कोरिया के लगातार बढ़ते परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों का मुकाबला करने के लिए अपनी सैन्य तैयारियों को और मजबूत करना था. अमेरिका के बी-52एच बमवर्षक विमानों को इस अभ्यास में शामिल किया गया था, जो परमाणु हमले में सक्षम होते हैं. इस प्रकार के सैन्य अभ्यासों से तीनों देशों का उद्देश्य यह है कि वे उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों से उत्पन्न हो रहे खतरों का सामना करने के लिए अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाएं.

    उत्तर कोरिया की प्रतिक्रिया और वैश्विक तनाव

    उत्तर कोरिया हमेशा से इन संयुक्त सैन्य अभ्यासों को अपनी संप्रभुता पर हमला मानता रहा है और इसके जवाब में वह अपने मिसाइल परीक्षणों को तेज करता है. इसके अलावा, रूस और चीन द्वारा उत्तर कोरिया को दी जा रही सैन्य और आर्थिक सहायता से उसकी ताकत में भी वृद्धि हो रही है. इन दोनों देशों से मिल रही मदद ने उत्तर कोरिया को और भी सशक्त बना दिया है, जिससे दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान को चिंता हो रही है.

    वैश्विक सुरक्षा पर असर

    विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के मजबूत सैन्य गठबंधन के सामने उत्तर कोरिया को भी रूस, चीन और ईरान जैसे देशों का समर्थन मिल रहा है. यह दोनों पक्षों के बीच बढ़ते सैन्य गठबंधनों से न सिर्फ क्षेत्रीय शांति को खतरा हो सकता है, बल्कि यह तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी पैदा कर सकता है.

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