नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने एक अहम कदम उठाया है. राजधानी में कोयले और लकड़ी से चलने वाले तंदूर पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह आदेश एयर एक्ट, 1981 के तहत जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है. आइए जानते हैं इस नए आदेश के बारे में और इससे दिल्लीवासियों को किस प्रकार लाभ होगा.
तंदूर पर लगा प्रतिबंध
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने राजधानी के सभी होटल, रेस्टोरेंट और स्ट्रीट फूड स्टॉल्स में कोयला और लकड़ी से चलने वाले तंदूरों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. DPCC का मानना है कि कोयला और लकड़ी से खाना पकाने से स्थानीय स्तर पर प्रदूषण बढ़ता है, जिसके कारण दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खराब हो रहा है. इस आदेश के तहत सभी कमर्शियल किचन को गैस, बिजली या अन्य स्वच्छ ईंधन पर शिफ्ट होने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है, जिससे अब दिल्ली में तंदूर से बनी रोटियां नहीं मिलेंगी.
प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP के स्टेज-4 के नियम
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-4 के कड़े नियमों को लागू किया है. इस योजना के तहत दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है, लेकिन CNG, LNG, इलेक्ट्रिक और BS-6 डीजल ट्रकों को सड़कों पर चलने की अनुमति दी गई है. वहीं, BS-4 और उससे नीचे श्रेणी के डीजल भारी मालवाहक वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं मिलेगी. यह कदम राजधानी में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है.
स्कूलों में हाइब्रिड मोड में होगी पढ़ाई
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों में पढ़ाई के लिए एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है. GRAP-4 लागू होने के बाद कक्षा 9 तक और कक्षा 11 के छात्रों की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराई जाएगी, जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध रहेंगे. इससे छात्रों को सुरक्षित रहते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिलेगा.
दिल्ली का AQI: खतरनाक स्तर पर पहुंचा
सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार पहुंच गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है. रोहिणी, अशोक विहार और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में AQI बेहद खराब स्थिति में है, जबकि अन्य क्षेत्रों का AQI लगातार 400 के पार बना हुआ है. यह स्थिति राजधानी के लिए गंभीर है, और इसलिए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए इन सख्त कदमों को उठाया है.
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