बाघ के बदले कर्नाटक से MP लाया गया था किंग कोबरा, ढाई महीने में हो गई मौत, जानें वजह

    MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित वन विहार नेशनल पार्क में बुधवार को एक दुर्लभ और संवेदनशील प्रजाति के किंग कोबरा नागार्जुन की अचानक मौत हो गई. यह सांप लगभग ढाई महीने पहले कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीव आदान-प्रदान योजना के तहत लाया गया था.

    Death of King Cobra in Bhopal brought from Karnataka
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित वन विहार नेशनल पार्क में बुधवार को एक दुर्लभ और संवेदनशील प्रजाति के किंग कोबरा नागार्जुन की अचानक मौत हो गई. यह सांप लगभग ढाई महीने पहले कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीव आदान-प्रदान योजना के तहत लाया गया था. नागार्जुन की उम्र करीब पांच वर्ष थी और उसे खास निगरानी में रखा गया था. अचानक हुई इस मौत ने वन विहार प्रशासन और विशेषज्ञों को भी स्तब्ध कर दिया है.

    24 घंटे रहती थी कड़ी निगरानी

    वन विहार प्रशासन ने बताया कि नागार्जुन की सेहत और गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा था. मैंगलोर के एक्सपर्ट से भी निरंतर संपर्क रखा गया ताकि सांप की स्थिति का सही आकलन हो सके. मंगलवार तक नागार्जुन की हालत सामान्य बताई जा रही थी, लेकिन बुधवार को उसकी किसी भी गतिविधि का पता नहीं चला. सीसीटीवी फुटेज में भी सांप को गतिहीन पाया गया, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने बाड़े का निरीक्षण किया और नागार्जुन को मृत पाया.

    पोस्टमार्टम से पता चलेगा मौत का कारण

    सांप की मौत की सही वजह जानने के लिए वन विहार की वाइल्ड लाइफ डॉक्टर टीम ने पोस्टमार्टम किया है. अधिकारियों का कहना है कि मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही संभव होगा. फिलहाल यह अनिश्चित है कि क्या बीमारी, तनाव या अन्य किसी कारण से नागार्जुन की मौत हुई है.

    वन्यजीव आदान-प्रदान योजना के तहत लाए गए थे

    नागार्जुन और एक अन्य किंग कोबरा नागशयना को 6 अप्रैल को कर्नाटक के पिलिकुला जैविक उद्यान से भोपाल लाया गया था. ये दोनों सांप अत्यंत संवेदनशील प्रजाति के थे और इसलिए उनकी 24 घंटे कड़ी निगरानी रखी जा रही थी. किंग कोबरा को लाने का मकसद वन विहार में इनके संरक्षण और प्रजनन को बढ़ावा देना था.

    दो बाघों के बदले दो किंग कोबरा

    यह सांपों को लाने का आदान-प्रदान बाघ संरक्षण कार्यक्रम के तहत किया गया था. कर्नाटक से दो किंग कोबरा लेकर आए गए, जिनमें से नागार्जुन की मृत्यु हो गई. अब मध्य प्रदेश में केवल एक किंग कोबरा बचा है, जो इंदौर के पास स्थित एक सेंचुरी में है. वन्यजीव अधिकारी अब बचाए गए सांप की देखभाल के साथ नए संरक्षण प्रयासों को सफल बनाने पर जोर दे रहे हैं.

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