वो आदमखोर मगरमच्छ, जिसने कभी इंसानों को बनाया था निवाला, आज है 10 हज़ार बच्चों का बाप.. उम्र जानकर उड़ जाएंगे होश

    हेनरी की कहानी केवल उसकी उम्र नहीं, बल्कि उसके अतीत की भी हैरान करने वाली दास्तां है. 1900 के दशक की शुरुआत में जब बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा में हेनरी ने जन्म लिया, तब वह सिर्फ एक मगरमच्छ नहीं था, बल्कि एक आदमखोर था.

    dangerous crocodile Henry Botswana Okavango Delta bizarre news
    Image Source: Social Media

    Bizarre News: नील मगरमच्छ, एक ऐसा नाम जिसका सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं. पानी का यह भयानक शिकारी जब किसी शिकार को दबोचता है, तो उसका बच पाना नामुमकिन होता है. लेकिन क्या हो अगर यही शिकारी 124 साल पुराना हो, 700 किलो वजनी हो और 10,000 से ज्यादा बच्चों का बाप भी? हम बात कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका के क्रॉक्रवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर में रहने वाले नील मगरमच्छ 'हेनरी' की, जो अब दुनिया का सबसे उम्रदराज मगरमच्छ बन चुका है.

    आदमखोर मगरमच्छ

    हेनरी की कहानी केवल उसकी उम्र नहीं, बल्कि उसके अतीत की भी हैरान करने वाली दास्तां है. 1900 के दशक की शुरुआत में जब बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा में हेनरी ने जन्म लिया, तब वह सिर्फ एक मगरमच्छ नहीं था, बल्कि एक आदमखोर था. स्थानीय लोगों के लिए वह खौफ का दूसरा नाम बन चुका था. कहते हैं, उसने न जाने कितने लोगों को जिंदा निगल लिया. उसकी वहशी प्रवृत्ति तब थमी, जब 1903 में एक शिकारी सर हेनरी न्यूमैन ने उसे पकड़ लिया और यहीं से एक नई कहानी शुरू हुई.

    एक शिकारी के नाम पर मिला नाम

    शिकारी हेनरी के नाम पर इस मगरमच्छ को 'हेनरी' रखा गया और उसे 1985 में क्रॉक्रवर्ल्ड लाया गया, जहां उसकी जिंदगी बदल गई. यहां के संरक्षित वातावरण और विशेषज्ञों की देखरेख में वह न सिर्फ शांत हुआ, बल्कि 'परिवार' वाला मगरमच्छ भी बन गया. अब वह 6 मादा मगरमच्छों के साथ रह रहा है और 10,000 से अधिक बच्चों का पिता भी बन चुका है.

    हेनरी बना क्रॉक्रवर्ल्ड का सुपरस्टार

    हेनरी का जन्मदिन हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कपकेक पार्टी हो या रैफल प्रतियोगिता, पर्यटक उसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं. 2024 में, उसके 124वें जन्मदिन पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें टीवी होस्ट रॉबर्ट एलेवा हेनरी के पास डरते हुए नजर आए.

    विज्ञान की नजरों में भी खास

    वैज्ञानिकों के लिए हेनरी केवल एक मगरमच्छ नहीं, बल्कि एक रिसर्च का विषय है. जीवविज्ञानी स्टीवन ऑस्टैड के मुताबिक, ऐसे जानवरों की लंबी उम्र हमें उनके इम्यून सिस्टम और बैक्टीरिया-रोधी क्षमता के बारे में बहुत कुछ सिखाती है.

    ये भी पढ़ें: गर्मी में अब शेर और भालू भी लेंगे सत्तू और आइसक्रीम का मजा, नाहरगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क में जानवरों की बदली डाइट