उत्तराधिकारी का चयन चीन के चाहने से नहीं होगा... दलाई लामा के इस बयान से भड़का ड्रैगन, दे दी चेतावनी

    तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन केवल तिब्बती बौद्ध परंपराओं और सिद्धांतों के अनुरूप ही होगा.

    Dalai Lama said- China has no role in the selection of successor
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    धर्मशाला: तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन केवल तिब्बती बौद्ध परंपराओं और सिद्धांतों के अनुरूप ही होगा. इस चयन प्रक्रिया में किसी भी राजनीतिक शक्ति, विशेष रूप से चीन की कोई भूमिका नहीं होगी, चाहे वह कितनी भी कोशिश क्यों न करे.

    यह ऐलान उस समय आया है जब धर्मशाला में आयोजित 15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दुनिया भर से आए बौद्ध मठों के प्रतिनिधि, धार्मिक विद्वान, सामाजिक संगठनों के नेता और निर्वासित तिब्बती सरकार (CTA) के सदस्य एकत्र हुए हैं.

    पुनर्जन्म एक आध्यात्मिक उत्तरदायित्व है- दलाई लामा

    अपने एक वीडियो संदेश में दलाई लामा ने कहा, "मेरे उत्तराधिकारी का चयन केवल आध्यात्मिक और बौद्ध परंपराओं पर आधारित होगा. इसे न तो कोई सरकार नियंत्रित कर सकती है, न ही कोई राजनीतिक व्यवस्था."

    उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यह उत्तराधिकारी किसी भी स्थिति में ‘गादेन फोडंग ट्रस्ट’ द्वारा ही निर्धारित किया जाएगा, जिसे इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से अधिकृत किया गया है. यह ट्रस्ट दलाई लामा संस्थान के उत्तराधिकार की पूरी प्रक्रिया को देखेगा – पुनर्जन्म की पहचान, प्रमाणन और अंतरराष्ट्रीय मान्यता.

    चीन की प्रतिक्रिया: "केंद्र की मंजूरी अनिवार्य"

    दलाई लामा के इस रुख के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उनके प्रवक्ता ने दावा किया कि, "दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीनी कानूनों, धार्मिक रीति-रिवाजों और ऐतिहासिक परंपराओं के अनुसार ही होगा."

    चीनी अधिकारियों का यह भी कहना है कि 1793 में किंग वंश द्वारा स्थापित गोल्डन अर्न प्रक्रिया के तहत उत्तराधिकारी की स्वीकृति का अंतिम अधिकार चीन की सरकार के पास है. चीन ने हमेशा से तिब्बत को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताया है और दलाई लामा को एक ‘राजनीतिक विभाजनकारी’ कहकर उनकी धार्मिक स्थिति को भी चुनौती दी है.

    दलाई लामा और CTA का जवाब:

    दलाई लामा और तिब्बती धार्मिक नेतृत्व ने इस दावे को खारिज किया है. उन्होंने बताया कि, "गोल्डन अर्न प्रक्रिया केवल 11वें और 12वें दलाई लामा के चयन के दौरान सीमित रूप से उपयोग की गई थी. जबकि 9वें, 13वें और मौजूदा 14वें दलाई लामा का चयन इससे पूर्णतः स्वतंत्र था."

    CTA (Central Tibetan Administration) के अध्यक्ष पेन्पा शेरिंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन पर आरोप लगाया कि वह बौद्ध धार्मिक परंपरा को हथियार बनाकर इसे राजनीतिक नियंत्रण के साधन के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है.

    "दलाई लामा की परंपरा तिब्बतियों की आस्था और संस्कृति की आत्मा है. चीन इसे राजनीतिक साधन में बदलकर तिब्बती पहचान को मिटाना चाहता है."

    पुस्तक में दलाई लामा ने क्या कहा?

    मार्च 2025 में प्रकाशित अपनी आत्मकथा "Voice for the Voiceless" में दलाई लामा ने लिखा है कि उनका अगला पुनर्जन्म ऐसी भूमि में होगा:

    • जहां धार्मिक स्वतंत्रता हो,
    • तिब्बती बौद्ध धर्म की रक्षा और पालन की स्वतंत्रता हो,
    • और वह स्थान चीन के नियंत्रण में न हो.

    उन्होंने यह भी कहा कि उनका पुनर्जन्म सिर्फ परंपरा के निर्वाह के लिए नहीं, बल्कि तिब्बती आकांक्षाओं को नेतृत्व देने के लिए होगा. इससे यह संकेत मिला कि उनका उत्तराधिकारी संभवतः भारत, नेपाल, मंगोलिया या अन्य तिब्बती प्रवासी क्षेत्रों में जन्म ले सकता है.

    CTA और तिब्बती समुदाय की रणनीति क्या है?

    CTA और विश्वभर के तिब्बती समुदायों की ओर से यह तय किया गया है कि:

    • भविष्य का दलाई लामा न केवल धार्मिक, बल्कि संस्कृति और अस्मिता का रक्षक होगा.
    • पुनर्जन्म की प्रक्रिया पारदर्शी, दस्तावेज़ीकृत और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठनों की निगरानी में होनी चाहिए.
    • चीन द्वारा किसी भी “निर्वाचित” या “प्रायोजित” दलाई लामा को मान्यता नहीं दी जाएगी.

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंता

    विश्व के कई मानवाधिकार संगठनों और धार्मिक स्वतंत्रता के पैरोकारों ने चीन के दावे पर चिंता जताई है. अमेरिका, यूरोपीय संघ और जापान जैसे देशों में “धार्मिक हस्तक्षेप के खिलाफ प्रस्ताव” भी पास किए गए हैं, जिनमें चीन को धार्मिक नेताओं के चयन में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी गई है.

    दलाई लामा संस्था की भविष्य की संरचना क्या होगी?

    दलाई लामा ने पहले ही संकेत दिया है कि वे 90 की उम्र के करीब पहुंचने के बाद अपने उत्तराधिकारी की प्रक्रिया को गति देंगे. 6 जुलाई को उनके 90 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पुनर्जन्म की प्रक्रिया पर औपचारिक कार्यवाही जल्द शुरू की जा सकती है.

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