सावधान! SIR के नाम पर साइबर ठग कर रहे फ्रॉड, ऐसे बना रहे लोगों को शिकार, यहां जानिए बचने का तरीका

    देश के कई राज्यों में चुनाव आयोग के निर्देश पर वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत नागरिकों से वोटर लिस्ट की जानकारी अपडेट करने के लिए फॉर्म भरे जा रहे हैं. हालांकि, इसी दौरान साइबर ठग SIR की आड़ में लोगों को शिकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

    Cyber thugs asking for OTP under the guise of SIR learn how to avoid fraud
    Image Source: Social Media

    देश के कई राज्यों में चुनाव आयोग के निर्देश पर वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत नागरिकों से वोटर लिस्ट की जानकारी अपडेट करने के लिए फॉर्म भरे जा रहे हैं. हालांकि, इसी दौरान साइबर ठग SIR की आड़ में लोगों को शिकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यूपी, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां ठग वोटर लिस्ट अपडेट करने के नाम पर नागरिकों से ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने लोगों को सतर्क रहने और इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है.

    साइबर ठगों की नई चाल

    चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान साइबर अपराधी अब लोगों से ओटीपी मांग रहे हैं. वे खुद को बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) बताकर लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी और ओटीपी लेने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा करने के लिए वे फोन कॉल्स और मैसेजेस के जरिए संपर्क करते हैं और दावा करते हैं कि वोटर लिस्ट में उनका नाम अपडेट किया जा रहा है या हट सकता है. इन फर्जी कॉल्स में ठग नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं और ओटीपी देने से ही उनका नाम अपडेट होगा.

    चुनाव आयोग की सलाह

    चुनाव आयोग ने इस संबंध में एक स्पष्ट संदेश जारी किया है. आयोग ने लोगों को सलाह दी है कि अगर कोई व्यक्ति आपसे ओटीपी मांगे, तो उसे किसी भी हाल में न दें. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान किसी भी मतदाता से ओटीपी नहीं मांगा जाता. एसआईआर के तहत केवल वोटर के विवरण की पुष्टि होती है, जिसके लिए ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती. इसलिए, यदि कोई आपसे ओटीपी या अन्य व्यक्तिगत जानकारी मांगता है, तो यह साइबर ठगी का प्रयास हो सकता है.

    ठगी के नए तरीके

    साइबर ठग अब लोगों को एसआईआर के नाम पर नकली लिंक और APK फाइल भेज रहे हैं. वे चुनाव अधिकारी या बीएलओ के रूप में कॉल करते हैं और कहते हैं कि ‘आपका नाम वोटर लिस्ट से हटा सकता है, फॉर्म तुरंत भरें’. जैसे ही लोग इन फर्जी लिंक या फाइलों पर क्लिक करते हैं, अपराधी उनके मोबाइल फोन का एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं. इसके बाद, वे बैंक अकाउंट से पैसे निकालने जैसी ठगी करने लगते हैं. इस तरह से ठग अपनी फर्जी गतिविधियों को अंजाम देते हैं और लोगों के बैंक खातों को खाली कर देते हैं.

    SIR फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?

    इस फ्रॉड से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सतर्क रहना. चुनाव आयोग और बीएलओ कभी भी किसी लिंक पर क्लिक करने, APK फाइल डाउनलोड करने, ओटीपी साझा करने या बैंक डिटेल्स मांगने के लिए नहीं कहेंगे. यदि आपको इस तरह की कोई कॉल या संदेश मिले, तो तुरंत उसे नकार दें और किसी भी जानकारी को शेयर न करें. साथ ही, अपनी व्यक्तिगत जानकारी और बैंक डिटेल्स को सुरक्षित रखें.

    ये भी पढ़ें: योगी सरकार के डिजिटल मॉडल का विदेशों में बजा डंका, अफ्रीकी देश बोले - ऐसा सिस्टम हमने कहीं नहीं देखा