सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील के साथ साइबर ठगी, 9 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट, खाते से उड़ा दिए 3.29 करोड़

    अब ठग बेहद शातिर तरीके से खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी नई चालों में फंसा रहे हैं. ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला नोएडा से सामने आया है, जहां सुप्रीम कोर्ट की एक 72 वर्षीय वरिष्ठ महिला वकील को 9 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 3.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई.

    Cyber ​​fraud with Supreme Court Woman lawyer through digital arrest Fraud of Rs 3.29 crore
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Noida News: देश में साइबर ठगी के मामले दिन-ब-दिन नए रूप ले रहे हैं. पहले ये सिर्फ ईमेल या एसएमएस तक सीमित थे, लेकिन अब ठग बेहद शातिर तरीके से खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी नई चालों में फंसा रहे हैं. ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला नोएडा से सामने आया है, जहां सुप्रीम कोर्ट की एक 72 वर्षीय वरिष्ठ महिला वकील को 9 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 3.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई.

    आधार कार्ड के नाम पर शुरू हुआ फर्जीवाड़ा

    घटना की शुरुआत 10 जून को हुई, जब महिला वकील के लैंडलाइन नंबर पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने दावा किया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर चार फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका उपयोग अपराधों जैसे हथियारों की तस्करी, ब्लैकमेलिंग और जुए के लेनदेन में हो रहा है. ठगों ने महिला को डराया कि उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुका है और अगर वो खुद को निर्दोष साबित करना चाहती हैं, तो उन्हें दिए गए नंबर पर संपर्क करना होगा.

    वॉट्सऐप पर अरेस्ट वॉरंट और धमकी

    जब पीड़िता ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया, तो उन्हें खुद को CBI और साइबर सेल अधिकारी बताने वाले ठगों ने वॉट्सऐप कॉल और मैसेज के जरिए धमकाना शुरू किया. एक नकली अरेस्ट वॉरंट भी भेजा गया और कहा गया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा जाएगा — यानी किसी से मिलना-जुलना नहीं, किसी को कुछ बताना नहीं.

    एफडी तुड़वाकर ट्रांसफर कराए करोड़ों रुपये

    ठगों ने महिला से कहा कि अगर वह चाहती हैं कि उन्हें क्लीन चिट मिले और गिरफ्तारी न हो, तो उन्हें अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तुड़वाकर कुल 3.29 करोड़ रुपये बताए गए खातों में ट्रांसफर करने होंगे. महिला ने ठगों के दबाव में आकर 5 बार में RTGS के जरिए रकम ट्रांसफर कर दी.

    बेटे की सतर्कता से खुला मामला

    9 दिन बाद जब महिला वकील ने अपनी आपबीती छोटे बेटे को बताई, तो उसने तुरंत मामले की शिकायत साइबर थाना, नोएडा में की. अब पुलिस इस हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी की जांच कर रही है.

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