चोट से उबरकर हार्दिक पंड्या ने की जबरदस्त वापसी, इस क्लब में होने वाली है एंट्री; बस एक कदम दूर

    Hardik Pandya 100 Wicket Club: उर्दू का एक शानदार शेर है, "गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले." इसका सार यही है कि गिरने की हिम्मत वही करता है, जो लड़ने का दम रखता है. 

    cricket Hardik Pandya tremendous comeback after recovering from injury enter the 100 wicket club
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    Hardik Pandya 100 Wicket Club: उर्दू का एक शानदार शेर है, "गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले." इसका सार यही है कि गिरने की हिम्मत वही करता है, जो लड़ने का दम रखता है. 

    और भारतीय क्रिकेट में अगर किसी खिलाड़ी ने बार-बार यह बात सच कर दिखाई है, तो वो हैं हार्दिक पंड्या. चोटें आईं, ब्रेक लगा, आलोचना भी हुई लेकिन जब भी मैदान में लौटे, पहले से ज्यादा ताकत, आत्मविश्वास और जुनून लेकर लौटे.

    चोट से उबरकर दमदार वापसी, 99 विकेटों के साथ रियल रिकॉर्ड का इंतज़ार

    हार्दिक पंड्या का कहना है कि उनकी मजबूत वापसी का राज सिर्फ एक चीज़ है, सकारात्मक सोच. एशिया कप में चोटिल होने के बाद उनका लंबा ब्रेक जरूर चर्चाओं में रहा, लेकिन वापसी उतनी ही धमाकेदार साबित हुई. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले T20 में उन्होंने 28 गेंद पर नाबाद 59 रन की विस्फोटक पारी खेली और साथ ही 16 रन देकर एक महत्त्वपूर्ण विकेट भी झटका.

    अब चंडीगढ़ में होने वाले दूसरे मैच में पूरा देश एक खास पल का इंतजार कर रहा होगा. टी20 क्रिकेट में हार्दिक 99 विकेट ले चुके हैं. बस एक विकेट, और वे अर्शदीप सिंह और जसप्रीत बुमराह के बाद तीसरे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे जो इस एलीट 100 विकेट क्लब में शामिल होंगे.

    "खुद पर विश्वास हो तो दुनिया झुकती है" 

    पहले मैच के मैन ऑफ द मैच रहे हार्दिक ने साफ कहा कि चोटें सिर्फ शरीर को नहीं, दिमाग को भी चुनौती देती हैं. लेकिन वहीं तय करता है कि खिलाड़ी टूटेगा या और मजबूत बनेगा. हार्दिक कहते हैं, “मैं हमेशा खुद पर भरोसा रखता हूं.” उन्होंने आगे कहा, “अगर आप खुद पर विश्वास नहीं करेंगे, तो दूसरे क्यों करेंगे? मेरी कोशिश बस यही थी कि पहले से बेहतर बनकर वापस आऊं और अब वही कर रहा हूं.” परिवार और करीबी लोगों का सपोर्ट उन्हें इस मानसिक संघर्ष से निकालने में सबसे बड़ा आधार बना.

    टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के ‘एक्स-फैक्टर’ होंगे हार्दिक?

    हार्दिक पंड्या ने साफ कहा कि वह अपनी प्रेरणा बाहर से नहीं लेते, वह खुद ही खुद का ईंधन हैं. दुनिया क्या सोचती है, इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता. वह सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि वे खुद को किस नजर से देखते हैं.

    उन्होंने कहा, “अब समय आ चुका है कि मैं सिर्फ खेल का आनंद लूं. बड़ा बनना, बेहतर बनना, यही मेरा लक्ष्य है.” यह आत्मविश्वास बताता है कि वर्ल्ड कप में हार्दिक एक बार फिर भारत का ‘गेम चेंजर’ बन सकते हैं.

    10 मिनट में स्टेडियम को झूमाने वाले पंड्या

    हार्दिक दर्शकों को अपनी सबसे बड़ी ताकत बताते हैं. उनके मुताबिक जब स्टेडियम उनका नाम पुकारता है, तो बैट हाथ में आते ही पूरा माहौल बदल जाता है, और उन 10–15 मिनटों में वे रॉकस्टार की तरह परफॉर्म करना चाहते हैं!

    उन्होंने कहा कि जिंदगी की मुश्किलों ने उन्हें मजबूत बनाया है. हर बार जब वह मैदान में उतरते हैं, तो लगता है कि दर्शक सिर्फ उन्हें देखने आए हैं. और यही सोच उन्हें ऐसे मौके पर निडर बना देती है.

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