भारत में कब लगेगा लॉकडाउन? देश में दिखने लगा कोरोना का प्रकोप, जानिए किस राज्य में कोविड के कितने केस

    कोविड-19 का खतरा एक बार फिर दस्तक दे चुका है. वो दौर जब मास्क, सैनिटाइज़र और सोशल डिस्टेंसिंग हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन गए थे, शायद फिर से लौट सकता है. भारत में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं और सरकार से लेकर आम जनता तक हर कोई एक बार फिर सतर्क हो गया है.

    Covid-19 Infection Increasing in India list of states with most coronavirus cases
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Covid-19 Infection Increasing in India: कोविड-19 का खतरा एक बार फिर दस्तक दे चुका है. वो दौर जब मास्क, सैनिटाइज़र और सोशल डिस्टेंसिंग हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन गए थे, शायद फिर से लौट सकता है. भारत में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं और सरकार से लेकर आम जनता तक हर कोई एक बार फिर सतर्क हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में एक्टिव कोविड मरीजों की संख्या 3,395 तक पहुंच गई है. पिछले 24 घंटों में 685 नए केस सामने आए हैं, जबकि 1435 लोग इलाज के बाद ठीक होकर घर लौटे हैं.

    किन राज्यों में दिख रहा है ज्यादा असर?

    हालात अभी गंभीर नहीं कहे जा सकते, लेकिन नजरअंदाज भी नहीं किए जा सकते. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 8 राज्यों में एक्टिव केस 100 से ज्यादा हो चुके हैं. इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. दिल्ली में हाल ही में कोविड से पहली मौत दर्ज की गई है. 60 साल की महिला, जो पहले से ही कई बीमारियों से ग्रसित थीं, उनकी संक्रमण के चलते मौत हो गई. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी एक-एक मौत दर्ज की गई है.

    डॉक्टर्स क्या कह रहे हैं?

    ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल का कहना है कि चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है. इस बार जो संक्रमण फैल रहा है, वह ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स (LF.7, JN.1, XFG, NB.1.8.1) की वजह से है, जिनके लक्षण अब तक हल्के देखे गए हैं.

    स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह

    भीड़भाड़ में मास्क जरूर पहनें

    हाथ धोते रहें और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें

    लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं

    अफवाहों से दूर रहें और सिर्फ आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें

    कब लग सकता है लॉकडाउन?

    लॉकडाउन किसी भी सरकार के लिए आखिरी हथियार होता है, जिसे तभी अपनाया जाता है जब संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो और मृत्यु दर असहनीय बढ़ जाए. इससे पहले कई तरह की सावधानियां और पाबंदियां लगाई जाती हैं, जैसे मास्क अनिवार्य करना, सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाना, या सीमित समय तक बाजार बंद रखना. सरकार फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं बना रही है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.

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