ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बढ़ती कूटनीतिक पकड़ से घबराया पाकिस्तान एक बार फिर परमाणु युद्ध का भय दिखाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के खिलाफ उग्र बयानबाज़ी करते हुए परमाणु युद्ध का हवाला देकर पूरी दुनिया को चेतावनी देने का प्रयास किया है.
बिलावल ने बुधवार को दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच अगर कभी परमाणु युद्ध हुआ, तो उसका असर सिर्फ दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसका विनाशकारी प्रभाव देखने को मिलेगा. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के वरिष्ठ नेता शशि थरूर समेत कई दिग्गज नेता दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारत का पक्ष रखने निकले हैं. इस 'सफाई अभियान' की काट के तौर पर पाकिस्तान ने भी बिलावल को अंतरराष्ट्रीय दौरे पर रवाना किया है.
झूठे प्रचार की तैयारी के साथ निकले बिलावल
बिलावल भुट्टो के इस दौरे में शेर रहमान और हिना रब्बानी खर भी उनके साथ रहेंगी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिलावल को भारत के खिलाफ विशेष ट्रेनिंग दी है, जिसमें उन्हें कश्मीर, सीजफायर उल्लंघन, आतंकवाद और सिंधु जल संधि जैसे मुद्दों पर भारत की छवि को खराब करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिलावल भुट्टो ने अपने बयान में कहा कि वह दुनिया को बताएंगे कि भारत किस तरह से पानी को ‘हथियार’ बना रहा है और कैसे दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध की नौबत एक आतंकी हमले के बाद आ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कश्मीर, आतंकवाद और जल बंटवारे जैसे मुद्दे हल नहीं होते, तब तक दक्षिण एशिया में स्थायी शांति संभव नहीं है.
भारत को 'आतंकिस्तान' के दावों से डराने की नाकाम कोशिश
खुद आतंकवाद से ग्रस्त और 'आतंकिस्तान' की छवि झेल रहे पाकिस्तान के नेता बिलावल ने दावा किया कि उनका देश आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित है. इस दावे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेह की नजरों से देखा जाता है, क्योंकि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान की ज़मीन पर पलने वाले आतंकी संगठन न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए खतरा बने हुए हैं.
पाकिस्तान सेना को नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कवायद
इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने का ऐलान किया है. जनरल अयूब खान के बाद आसिम मुनीर ऐसे पहले सैन्य अधिकारी होंगे जिन्हें यह सर्वोच्च सैन्य रैंक दी गई है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया. माना जा रहा है कि भारत के साथ हालिया सैन्य तनावों में जनरल मुनीर की भूमिका को देखते हुए उन्हें यह पदोन्नति दी गई है.
ये भी पढ़ेंः 79 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं, 20 मिनट में मचा कोहराम... दिल्ली-NCR में आंधी-बारिश का कहर