मध्य पूर्व में 12 दिनों तक चले खतरनाक युद्ध के बाद जब ईरान और इजरायल के बीच आखिरकार संघर्षविराम पर सहमति बनी, तो दुनिया भर से प्रतिक्रियाओं का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इस पूरे घटनाक्रम पर चीन ने दो टूक शब्दों में सभी पक्षों को आगाह किया है कि इस बार किसी भी तरह की धोखाधड़ी या चालाकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र में चीन का कड़ा रुख
संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कोंग ने मंगलवार, 24 जून 2025 को एक बयान में कहा, "हम चाहते हैं कि यह संघर्षविराम पूरी तरह से प्रभावी रहे. सभी पक्ष बिना किसी शर्त के और पूरी ईमानदारी के साथ इसका पालन करें. अब कोई पक्ष इस समझौते को तोड़ने की कोशिश न करे." चीन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय पर आई है जब संघर्षविराम लागू होने के चंद घंटों के भीतर ही दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले के आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. इजरायल का दावा है कि ईरान ने दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जबकि ईरान ने इसे खारिज कर दिया है. वहीं, इजरायल की ओर से जवाबी कार्रवाई की चेतावनियां तनाव को फिर से हवा दे रही हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिलाई राहत
इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम घोषणा की. उन्होंने मंगलवार को पुष्टि की कि ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम समझौता हो गया है. ट्रंप ने कहा, "ईरान सबसे पहले युद्धविराम लागू करेगा, और अगले 24 घंटों में दोनों देशों के बीच हालात शांत हो जाएंगे." ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा, "यह संघर्ष वर्षों तक चल सकता था और पूरे मिडिल ईस्ट को तबाह कर सकता था. लेकिन अब वह खतरा टल गया है. अब शांति का समय है." उन्होंने अपने बयान के अंत में कहा, "CONGRATULATIONS WORLD, IT’S TIME FOR PEACE!"
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