MP News: बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश की धरती पर जनजातीय अस्मिता और विकास को एक नई दिशा देने वाले निर्णय सामने आए. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ब्यौहारी में आयोजित राज्य स्तरीय कोल जनजातीय सम्मेलन में न सिर्फ जनजातीय समाज के योगदान को याद किया, बल्कि उनके भविष्य को संवारने के लिए कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं.
जनजातियों का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि जनजातीय समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है. कोल समाज सहित अन्य जनजातियों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा की. उन्होंने कहा कि यह समाज न सिर्फ बहादुर है, बल्कि अपनी संस्कृति और पहचान को लेकर भी सजग रहा है.
MP सरकार उठाएगी कोचिंग का खर्च
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अब जनजातीय बच्चों की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. प्रदेश के हर संभाग में 24-24 करोड़ की लागत से 100-100 सीटर बालक और बालिका छात्रावास एवं परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे. यह पहल जनजातीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.
बिरसा मुंडा और बाणभट्ट की प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान
इस अवसर पर उन्होंने बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में बिरसा मुंडा की प्रतिमा तथा बाणसागर जलाशय में प्राचीन विद्वान बाणभट्ट की प्रतिमा स्थापित करने की भी घोषणा की. इसके साथ ही, प्रदेश में जहां भी कोल समाज के लोग निवासरत हैं और जिनके पास भूमि के पट्टे नहीं हैं, वहां जांच कराकर पट्टे दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने गरीब, महिला, युवा और किसान—इन चार वर्गों के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं. प्रदेश में अब तक 4 करोड़ लोगों को पक्के आवास मिल चुके हैं, और जो लोग इससे वंचित रह गए हैं, उनके लिए भी सर्वे कर जल्द ही आवास उपलब्ध कराए जाएंगे.
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