चीनी सेना में बड़ी सर्जरी: जिनपिंग का ‘शुद्धिकरण अभियान’ तेज, नौसेना प्रमुख और परमाणु वैज्ञानिक बर्खास्त

    बीजिंग से एक बड़ा और चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और सेना में चल रहे ‘अंदरूनी सफाई अभियान’ के तहत राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दो वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया है.

    China Xi jinping government removes navy chief top nuclear china scientist
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    बीजिंग से एक बड़ा और चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और सेना में चल रहे ‘अंदरूनी सफाई अभियान’ के तहत राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दो वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया है. इसमें नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन और चीन के प्रतिष्ठित परमाणु वैज्ञानिक लियू शिपेंग शामिल हैं. यह कार्रवाई चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) की ओर से की गई है और इसे जिनपिंग के उस अभियान का हिस्सा माना जा रहा है, जो सैन्य ढांचे को 'भ्रष्टाचारमुक्त और पूरी तरह वफादार' बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है.

    क्यों हटाए गए ये शीर्ष अधिकारी?

    साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, जिनपिंग के निर्देश पर PLA और रक्षा उद्योग में अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की रफ्तार तेज हो गई है. वाइस एडमिरल ली हानजुन, जो PLA नेवी में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्यरत थे, उन्हें NPC की सदस्यता से निष्कासित किया गया है. इसी तरह, परमाणु वैज्ञानिक लियू शिपेंग, जो चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन (CNNC) के डिप्टी चीफ इंजीनियर और 404 बेस के प्रमुख थे, उन्हें भी विधायिका से हटा दिया गया है. NPC की सदस्यता से बाहर किया जाना चीन की राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था में गंभीर कार्रवाई का संकेत माना जाता है.

    जिनके कंधों पर थी नौसेना की रणनीति

    60 वर्षीय ली हानजुन के बारे में सार्वजनिक जानकारी सीमित है, लेकिन उनके करियर की रूपरेखा उन्हें एक प्रभावशाली सैन्य रणनीतिकार के रूप में दर्शाती है. वह CMC (Central Military Commission) के ट्रेनिंग और एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रह चुके हैं. 2014 में फुजियान प्रांत के नौसेना बेस का नेतृत्व उन्हें सौंपा गया था. माना जाता है कि उन्होंने जनरल मियाओ हुआ के साथ करीबी कार्य किया था, जिन्हें पहले ही पद से हटाया जा चुका है.

    लियू शिपेंग: चीन के 'न्यूक्लियर ब्रेन' पर भी कार्रवाई

    लियू शिपेंग, जिनकी जिम्मेदारी चीन की सिविल और सैन्य परमाणु परियोजनाओं की निगरानी करना था, उन पर कार्रवाई अधिक चौंकाने वाली है. वे चीन के गोपनीय 404 बेस के प्रमुख थे, जहां देश का पहला परमाणु बम विकसित हुआ था. CNNC में डिप्टी चीफ इंजीनियर और कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय सचिव के रूप में उनकी भूमिका रणनीतिक रूप से बेहद अहम थी. गौरतलब है कि 2023 में उन्हें "गांसू के सर्वश्रेष्ठ उद्यमी" का खिताब भी मिल चुका था.

    शी जिनपिंग का सैन्य शुद्धिकरण मिशन

    यह पहला मौका नहीं है जब शी जिनपिंग ने टॉप सैन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की हो. हाल के महीनों में PLA और रक्षा उद्योग से जुड़ी कई हाई-प्रोफाइल फायरिंग्स हो चुकी हैं. इनमें जनरल मियाओ हुआ, जो CMC में वैचारिक मामलों के प्रमुख थे, का नाम प्रमुख है. इन घटनाओं से साफ है कि शी जिनपिंग सेना के भीतर वफादारी और अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं.

    अब आगे क्या?

    इन कार्रवाइयों से यह संकेत भी मिलता है कि PLA और चीन के रक्षा ढांचे में गहराई से जमी भ्रष्टाचार और आंतरिक गुटबाज़ी की समस्या गंभीर है. शी जिनपिंग की यह नीति सत्ता पर पकड़ को मजबूत करने के साथ-साथ सेना में 'नया खून' लाने की कोशिश भी हो सकती है.

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