मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव के बीच ईरान की एक प्रमुख परमाणु साइट पर संदिग्ध गतिविधियां सामने आई हैं. 27 जून को ली गई नई सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि इस्फहान स्थित यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी (UCF) के भूमिगत परिसर के एक पुराने टनल एंट्री पॉइंट को फिर से खोला गया है, जिसे पहले सील कर दिया गया था. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दों पर तनातनी चरम पर है.
बंद टनल के दोबारा खुलने पर बढ़ी चिंताएं
हालांकि ईरान की ओर से इस गतिविधि पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिकी हमले के बाद रणनीतिक पुनर्निर्माण या क्षति मूल्यांकन का हिस्सा हो सकता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियां और वैश्विक पर्यवेक्षक इस घटनाक्रम को करीब से मॉनिटर कर रहे हैं.
फोर्डो साइट पर भी जारी है गतिविधि
इसी बीच, अमेरिकी रक्षा और खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी पर मिट्टी की खुदाई और निर्माण कार्य भी तेज़ी से शुरू कर दिया गया है. मैक्सार टेक्नोलॉजी द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज में खुदाई मशीनें, ट्रक और अन्य भारी वाहनों की मौजूदगी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है.इजरायली विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिविधि शायद उस गंभीर रूप से संवेदनशील यूरेनियम सामग्री से जुड़ी हो सकती है, जिसका अब तक कोई स्पष्ट पता नहीं चल पाया है.
बंकर बस्टर बम नहीं, टॉमहॉक मिसाइल का प्रयोग
इस घटनाक्रम पर अमेरिकी जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन कैन ने अमेरिकी सीनेट को जानकारी दी कि इस्फहान पर हुए हमले में बंकर बस्टर बम (Massive Ordnance Penetrator) का उपयोग नहीं किया गया था. इसके बजाय, अमेरिका ने पनडुब्बी से दागी गई टॉमहॉक मिसाइलों के जरिए सटीक हमले किए, क्योंकि इस्फहान का परमाणु ठिकाना इतनी गहराई में है कि पारंपरिक बम वहां असरदार नहीं होते.
ट्रंप ने दोहराया सख्त रुख: "फिर से हमला करेंगे"
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर ईरान को चेतावनी दी है. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे जरूरत पड़ने पर दोबारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करेंगे, तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया—“बिलकुल, बिना किसी झिझक के.”
सीनेट में मिला समर्थन, रिपब्लिकन ने कहा– सही कदम
अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत (53-47) के चलते ट्रंप को इस मामले में राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है. पार्टी के कई वरिष्ठ सांसदों ने ट्रंप की ओर से कांग्रेस की पूर्व स्वीकृति के बिना किए गए हवाई हमलों का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में तत्काल निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए.
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