बीजिंग: जापान द्वारा फिलीपींस को रक्षा सहयोग देने की संभावनाओं ने चीन की भौहें चढ़ा दी हैं, और बीजिंग ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इतिहास से सीख लेने की चेतावनी दी है. चीन का कहना है कि यह सहयोग एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ावा दे सकता है.
इस विवाद की जड़ में है अबुकुमा-श्रेणी के विध्वंसक पोतों का संभावित हस्तांतरण, जो जापान की मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) द्वारा फिलीपींस को सौंपे जा सकते हैं.
इतिहास की पुनरावृत्ति का संदर्भ
चीन ने इस घटनाक्रम की आलोचना करते हुए द्वितीय विश्व युद्ध और चीन-जापान युद्ध (1937–1945) की याद दिलाई. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियांग बिन ने 14 जुलाई को दिए एक औपचारिक बयान में जापान से "इतिहास की गहराई से समीक्षा करने" और "सैन्य व सुरक्षा क्षेत्र में संयम बरतने" की सलाह दी.
बयान में कहा गया, "जापान ने हाल के वर्षों में अपने शांतिवादी संविधान की सीमाओं से बाहर जाकर क्षेत्रीय असंतुलन को बढ़ावा दिया है."
दक्षिण चीन सागर में शक्ति संतुलन की चुनौती
जापान और फिलीपींस के संभावित नौसैनिक सहयोग को दक्षिण चीन सागर में चीन के वर्चस्व को चुनौती देने की दिशा में देखा जा रहा है. चीन इस पूरे क्षेत्र पर अपना अधिकार जताता है, जबकि फिलीपींस, वियतनाम और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ सीमा विवाद और नौसैनिक झड़पें समय-समय पर सामने आती रही हैं.
फिलीपींस की नौसेना द्वारा पुष्टि की गई रिपोर्ट के अनुसार, जापान ने अपने 109 मीटर लंबे अबुकुमा-श्रेणी के युद्धपोतों के हस्तांतरण के लिए प्रारंभिक आमंत्रण दिया है. इन पोतों की पनडुब्बी रोधी क्षमताएं, 76 मिमी तोप, मिसाइल सिस्टम और सोनार तकनीक फिलीपींस की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकती हैं.
बीजिंग की आपत्ति और रणनीतिक चिंताएं
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में चीन के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि जापान दक्षिण चीन सागर में "छोटे गठजोड़ों" के माध्यम से "सैन्य गुटबंदी" को बढ़ावा दे रहा है, जो क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम जापान की ओर से न केवल फिलीपींस के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को सशक्त बनाने का प्रयास है, बल्कि चीन के सेनकाकू द्वीप क्षेत्र में दबाव को संतुलित करने की रणनीति भी हो सकता है, जहां हाल के महीनों में चीन ने गतिविधियां तेज़ की हैं.
रणनीतिक तकनीक और रखरखाव चुनौतियां
अबुकुमा-श्रेणी के विध्वंसक पोत, जो वर्तमान में JMSDF के साथ सेवा में हैं, 2027 तक सेवामुक्त किए जाने की योजना है. रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इन पोतों का जीवनकाल उचित रखरखाव और उन्नयन के साथ 10-20 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है.
हालांकि, फिलीपींस की नौसेना को इनके संचालन के लिए पर्याप्त संसाधनों—जैसे स्पेयर पार्ट्स, तकनीकी समर्थन और प्रणाली अद्यतनीकरण—की आवश्यकता होगी.
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