Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्थिति को लेकर एक अहम बयान दिया है. उन्होंने साफ किया कि भारत द्वारा किए गए सटीक जवाबी हमलों के बाद सीजफायर पाकिस्तान की पहल पर हुआ. साथ ही, उन्होंने चीन की भूमिका और पाकिस्तान को मिल रही सीमित अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर भी विस्तार से बात की.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने उकसावे की कार्रवाई करते हुए सीमा पर फायरिंग शुरू की, लेकिन भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. एस. जयशंकर ने बताया कि “हमारे हमले सटीक और उद्देश्यपूर्ण थे. पाकिस्तानी सेना ने जवाबी फायरिंग शुरू की, लेकिन हमने उन्हें दिखा दिया कि हम उनके एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर सकते हैं. इसके बाद सीजफायर पाकिस्तान की तरफ से प्रस्तावित किया गया.”
चीन की भूमिका पर विदेश मंत्री का इशारा
जर्मनी के प्रतिष्ठित अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइने ज़ाइटुंग को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं का बड़ा हिस्सा चीन से आता है. “पाकिस्तान की कई हथियार प्रणालियाँ चीन से मिली हुई हैं और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं – इससे आप खुद निष्कर्ष निकाल सकते हैं.”
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की पोल खोल रहा भारत
भारत सरकार ने दुनियाभर के राजनयिक मिशनों और सांसदों को पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए सक्रिय किया है.
एस. जयशंकर ने कहा कि “हमने दुनिया को दिखाया है कि पाकिस्तान अब भी आतंकवाद को संरक्षण दे रहा है. कई देशों ने भारत की कार्रवाई का समर्थन किया है, जबकि चीन, अजरबैजान और तुर्किए जैसे गिने-चुने देश पाकिस्तान के साथ खड़े हैं.”
वर्तमान में शांति, लेकिन सतर्कता बरकरार
फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू है, लेकिन भारत किसी भी खतरे से निपटने के लिए सतर्क है. आतंकी हमलों और सीमापार गतिविधियों पर नजर रखते हुए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि संप्रभुता और सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा.
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