तेहरान: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ संवाद की पहल करते हुए कश्मीर, सिंधु जल विवाद और क्षेत्रीय शांति जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत की इच्छा जताई है. सोमवार को तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरीफ ने यह बयान दिया.
शांति के लिए पाकिस्तान तैयार है
तेहरान में पत्रकारों से बात करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आर्थिक तरक्की चाहता है. हम अपने पड़ोसी देश भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों, चाहे वह कश्मीर हो या जल सुरक्षा उन्हें संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत हल करने के लिए तैयार हैं."
शरीफ ने इस दौरान ईरान का आभार भी जताया, जिन्होंने भारत-पाक के सैन्य तनाव के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था. उन्होंने ईरान के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को ‘अटूट’ बताया.
भारत से बात, लेकिन शर्तें साफ
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि दोनों देश:
“हम तब तक बात के लिए तैयार हैं, जब तक सामने वाला देश भी उतनी ही गंभीरता से आगे बढ़े,” – शरीफ ने जोड़ा.
कूटनीतिक दौरे पर शरीफ
पाक पीएम शहबाज शरीफ इस समय तुर्किये, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं. यह दौरा 25 से 30 मई तक चलेगा. माना जा रहा है कि शरीफ इस दौरान इन देशों को भारत के साथ तनावों और पाकिस्तान के दृष्टिकोण से अवगत करा रहे हैं.
इस दौरे में शरीफ के साथ पाकिस्तान की कूटनीतिक और सैन्य ताकत का पूरा प्रतिनिधिमंडल शामिल है:
एर्दोगन से हुई मुलाकात, भारत पर चर्चा
इससे पहले रविवार रात इस्तांबुल में शरीफ ने तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन से मुलाकात की थी. इस बैठक में भारत के खिलाफ तुर्किये के समर्थन पर शुक्रिया अदा किया गया. दोनों नेताओं ने इस्लामी सहयोग और क्षेत्रीय राजनीति पर भी चर्चा की.
क्या भारत मानेगा बात?
अब सबकी नजर भारत की प्रतिक्रिया पर टिकी है. हालांकि भारत पहले ही कई बार स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. भारत ने हमेशा यह रुख रखा है कि वार्ता तभी संभव है, जब पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई करे.
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