बीजिंग की राजनीतिक गलियों में इस समय एक बड़ी हलचल मची हुई है. जुलाई 2025 के आख़िर में अपने विदेश दौरों से लौटे चीन के शीर्ष राजनयिक और कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ को पुलिस ने अचानक हिरासत में ले लिया. 61 वर्षीय लियू को राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बेहद भरोसेमंद सहयोगी माना जाता था, और उन्हें भविष्य के विदेश मंत्री की दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा था. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी ने न सिर्फ चीनी सत्ता तंत्र को चौंकाया है, बल्कि राजनयिक हलकों में भी चिंता की लहर दौड़ा दी है.
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का तिआंजिन शिखर सम्मेलन दरवाज़े पर है. आधिकारिक तौर पर लियू की हिरासत के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि मामला या तो बड़े स्तर के भ्रष्टाचार से जुड़ा है, या फिर पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष का हिस्सा है. उनकी गिरफ्तारी ने यह भी साफ किया है कि चीन के उच्चस्तरीय अधिकारियों पर पार्टी का शिकंजा पहले से कहीं ज्यादा कस गया है.
लियू जियानचाओ का सफ़र
जिलिन प्रांत में जन्मे लियू ने बीजिंग विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड से शिक्षा प्राप्त की. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने विदेश मंत्रालय में अनुवादक के रूप में की और आगे चलकर ब्रिटेन, इंडोनेशिया और फिलीपींस में राजनयिक सेवाएं दीं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रहते हुए उनकी मिलनसार शैली और चीन के हितों के पक्ष में सशक्त तर्क उन्हें भीड़ से अलग करते थे. 2022 से वे कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के विभाग का नेतृत्व कर रहे थे, जहां उन्होंने 20 से ज्यादा देशों की यात्रा की और 160 से अधिक देशों के नेताओं से मुलाकात की. अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ उनकी बैठक के बाद यह चर्चा और तेज़ हो गई थी कि जल्द ही उन्हें विदेश मंत्रालय की कमान मिल सकती है.
गिरफ्तारी के पीछे की संभावनाएं
विश्लेषकों के अनुसार, लियू का निशाने पर आना राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की अगली कड़ी हो सकता है. पिछले वर्षों में कई वरिष्ठ अधिकारी इस अभियान के तहत हटाए जा चुके हैं. 2023 में पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग की बर्खास्तगी के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा राजनयिक झटका माना जा रहा है. कुछ जानकारों का मानना है कि लियू की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता और शी से नज़दीकी, पार्टी के अंदर विरोधी गुटों को खटक सकती थी.
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