HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम भेज चीन ने फिर की पाकिस्तान की मदद, OSNIT की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

    भारत-पाकिस्तान के हालिया सैन्य टकराव के बाद जब पाकिस्तान का एयर डिफेंस नेटवर्क बुरी तरह ध्वस्त हो गया, तब चीन एक बार फिर उसकी मदद को आगे आया है. ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क (OSNIT) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपने मध्यम दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम की नई खेप पाकिस्तान को भेज दी है.

    China Helps Pakistan With HQ-16 Air Defence System osnit report
    Image Source: Social Media

    भारत-पाकिस्तान के हालिया सैन्य टकराव के बाद जब पाकिस्तान का एयर डिफेंस नेटवर्क बुरी तरह ध्वस्त हो गया, तब चीन एक बार फिर उसकी मदद को आगे आया है. ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क (OSNIT) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपने मध्यम दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम की नई खेप पाकिस्तान को भेज दी है.

    चीन के Y-20 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने हाल के हफ्तों में कम से कम तीन बार पाकिस्तान के लिए उड़ान भरी है. इन विमानों ने HQ-16 मिसाइल सिस्टम और उससे जुड़े उपकरणों की खेप पहुंचाई है. Y-20 एक हैवी लिफ्ट मिलिट्री जेट है जो 66 टन तक सैन्य सामग्री ढोने में सक्षम है.

    HQ-16 की नई खेप की क्यों पड़ी जरूरत?

    7 से 10 मई के बीच भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस जैसे नूर खान, रहीम यार खान, सक्कूर और भोलारी को निशाना बनाया गया था. भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस और SCALP क्रूज मिसाइलों से हमला कर पाकिस्तान के HQ-16 और HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम और चीन निर्मित YLC-8E राडार को भी तबाह कर दिया था.

    क्या HQ-16 ब्रह्मोस को रोक सकता है?

    दरअसल नहीं. HQ-16 की मारक क्षमता करीब 40 किमी है और इसे आम तौर पर ड्रोन, फाइटर जेट और धीमी गति की मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. मगर ब्रह्मोस मिसाइल, जिसकी रफ्तार Mach 2.8–3.0 (आवाज की गति से तीन गुना) है और जो निचली ऊंचाई पर उड़ान भरती है, उसे इंटरसेप्ट करना HQ-16 के लिए लगभग नामुमकिन है. यही वजह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान HQ-16 बेअसर साबित हुआ.

    पाकिस्तान को मिली नई खेप का मतलब क्या है?

    पाकिस्तान की मौजूदा एयर डिफेंस क्षमता लगभग शून्य के बराबर मानी जा रही है. भारत ने उसके तीन में से दो सर्विलांस एयरक्राफ्ट भी नष्ट कर दिए थे. ऐसे में चीन द्वारा नई खेप भेजना पाकिस्तान के सैन्य मनोबल को संबल देना है, लेकिन इससे रणनीतिक बढ़त नहीं बदलेगी.

    OSNIT की चेतावनी

    OSNIT रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को चीन-पाक गठजोड़ पर लगातार नजर बनाए रखनी चाहिए. विशेष रूप से एयर डिफेंस, मिसाइल सप्लाई और तकनीकी सैन्य सहयोग के मामलों में चीन द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही मदद, भारत के लिए एक रणनीतिक चुनौती बनी रह सकती है.

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