अमेरिका के बंकर बस्टर बम, खासकर GBU-57 MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर), ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया को हिलाकर रख दिया है. इन बमों का इस्तेमाल अमेरिका ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर प्रभावी हमले करने के लिए किया था, और इन हमलों ने ईरान की परमाणु संरचनाओं को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया था. बंकर बस्टर बम की खासियत यह है कि ये न केवल गहरे बंकरों तक पहुंचने में सक्षम होते हैं, बल्कि भारी कवच में लिपटे विशाल वारहेड भी लेकर उड़ते हैं, जो किसी भी साधारण रक्षात्मक उपाय को चुनौती देते हैं.
लेकिन अब, चीन के वैज्ञानिकों ने इन अत्याधुनिक बंकर बस्टर बम को नष्ट करने का एक तरीका सुझाया है, जो पूरी दुनिया को चौंका सकता है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी इस सुझाव से काफी राहत मिली है, क्योंकि इससे चीन को अपनी रक्षा क्षमता में एक नया आयाम जोड़ने की संभावना मिल सकती है.
चीनी वैज्ञानिकों का नया तरीका
22 जून को जब अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बमवर्षक GBU-57 MOP बंकर बस्टर से ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला कर रहे थे, तो रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने बहुत कम प्रतिरोध किया. हालांकि यह बम काफी शक्तिशाली है और अत्यधिक बंकर-भेदी क्षमता रखता है, चीनी वैज्ञानिकों ने इस बम को रोकने का एक तरीका सुझाया है, जो बहुत ज्यादा तकनीकी नहीं है, बल्कि कुछ साधारण उपायों से इसे नष्ट किया जा सकता है.
उनका कहना है कि यदि कोई देश इस बम का सामना कर रहा है, तो उन्हें बम के कमजोर हिस्से पर हमला करना चाहिए. बंकर बस्टर का अगला हिस्सा तो मोटा और मजबूत है, लेकिन इसके स्टील के किनारे बहुत पतले होते हैं, केवल कुछ सेंटीमीटर के. इसका मतलब है कि एक या दो एंटी-एयरक्राफ्ट गोले आसानी से इन हिस्सों को भेद सकते हैं.
कम लागत वाला उपाय
चीनी वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बम को रोकने के लिए, कम लागत वाली एंटी-एयरक्राफ्ट गन को प्रमुख स्थलों के आसपास तैनात किया जा सकता है. इन गनों को मजबूत बनाए रखने के लिए उन्हें रडार की ट्रैकिंग और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से निपटने में सक्षम होना चाहिए. चीन ने इस सिद्धांत को साबित करने के लिए स्विस ओर्लिकॉन जीडीएफ गन का उपयोग किया है, जो कि मध्य पूर्व में, खासकर ईरान में, काफी उपयोग की जाती है.
स्विस ओर्लिकॉन जीडीएफ गन की क्षमता
ओर्लिकॉन जीडीएफ गन की खासियत यह है कि यह हर दो सेकंड में 36 गोलियां दाग सकती है. 1,200 मीटर (लगभग 0.7 मील) की दूरी पर, इसकी मारक क्षमता 42 प्रतिशत तक पहुंच जाती है. चीन की नोरिन्को हथियार कंपनी के शोधकर्ताओं ने इस तकनीकी समाधान को चीन की प्रमुख हथियार पत्रिका Journal of Gun Launch and Control में प्रकाशित किया.
बंकर बस्टर के कमजोर हिस्से पर हमला
चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि बंकर बस्टर बम के अंडे के आकार के नोक वाले हिस्से से अगर हमला किया जाए, तो बम को भेदना बेहद मुश्किल है. लेकिन अगर इसे बगल से हमला किया जाए, तो बम के अंदर की सामग्री को भेदना संभव हो सकता है. उनके अनुसार, बम के प्रभाव कोण का 68 डिग्री से कम होना चाहिए, तभी यह बम भेदने में सफल हो सकता है.
अगर हमला 1,500 मीटर (लगभग 4,900 फीट) से अधिक दूरी पर किया जाता है, तो यह नाकाम हो सकता है. लेकिन 1,200 मीटर के भीतर, बम के अंदर छिपे हुए विस्फोटक सक्रिय हो सकते हैं, जिससे पूरी तबाही मच सकती है. यही तरीका इस बंकर बस्टर बम को नष्ट करने का हो सकता है.
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