बीजिंग: चीन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं. हाल ही में बीजिंग में आयोजित ह्यूमनॉइड रोबोट गेम्स ने दुनिया का ध्यान खींचा, जहां रोबोट्स ने बॉक्सिंग, फुटबॉल और रेसिंग जैसे कारनामों से दर्शकों को हैरान कर दिया. लेकिन चीन की यह तकनीकी उड़ान सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं है. वैज्ञानिकों ने अब AI से लैस सर्जिकल रोबोट्स विकसित किए हैं, जो ऑपरेशन थिएटर में सर्जनों का तीसरा हाथ बन सकते हैं. यह तकनीक न केवल चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ला सकती है, बल्कि भविष्य में इंसानी बच्चे पैदा करने जैसे अविश्वसनीय कामों की ओर भी इशारा करती है. आइए, इस तकनीकी चमत्कार को विस्तार से समझते हैं.
बीजिंग में ह्यूमनॉइड रोबोट्स का जलवा
बीजिंग में हाल ही में हुए ह्यूमनॉइड रोबोट गेम्स ने तकनीक की दुनिया में नया उत्साह भरा. इन खेलों में रोबोट्स ने फुटबॉल खेलने से लेकर बॉक्सिंग और रेसिंग तक में हिस्सा लिया. यह आयोजन न केवल मनोरंजन का जरिया बना, बल्कि इसने दिखाया कि AI और रोबोटिक्स अब कितनी तेजी से आम जिंदगी में शामिल हो रहे हैं. इन रोबोट्स की सटीकता और बुद्धिमत्ता ने दर्शकों को हैरत में डाल दिया. यह सिर्फ शुरुआत है, क्योंकि चीन अब ऐसी तकनीकों पर काम कर रहा है, जो मानव जीवन को और भी आसान और उन्नत बना सकती हैं.
AI सर्जिकल रोबोट
हांगकांग की चाइनीज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा AI सिस्टम विकसित किया है, जो सर्जिकल रोबोटिक आर्म को नियंत्रित करता है. यह रोबोट सर्जनों के लिए तीसरे हाथ की तरह काम करता है, जो टिश्यू हटाने, गॉज उठाने और ब्लड वेसल्स को क्लिप करने जैसे जटिल काम कर सकता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तकनीक का पहला ट्रायल एक जीवित सुअर पर किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा. इस ट्रायल में रोबोट ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में हिस्सा लिया और खून से सने गॉज को सही तरीके से उठाया. सबसे प्रभावशाली रहा ब्लड वेसल्स को क्लिप करने का काम, जिसमें रोबोट ने छह में से चार बार सफलता हासिल की.
सर्जरी में AI की सटीकता और चुनौतियां
रिसर्च का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर डोउ क्यूई ने बताया कि AI सर्जिकल रोबोट्स को पूरी तरह सुरक्षित और सटीक बनाना बेहद जरूरी है. उन्होंने ऑटोमेटेड गाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे ड्राइवरलेस कारों को अपनाने में समय लगा, वैसे ही सर्जिकल रोबोट्स को भी मरीजों का भरोसा जीतना होगा. इस तकनीक की खासियत यह है कि अगर सर्जन को लगता है कि रोबोट सही काम नहीं कर रहा, तो वह तुरंत इसका नियंत्रण अपने हाथ में ले सकता है. यह सुविधा मरीजों की सुरक्षा को और मजबूत करती है. हालांकि, जटिल सर्जरी में रंगों और टिश्यू की पहचान जैसे कामों में रोबोट को अभी और सुधार की जरूरत है.
ओपन सोर्स पहल: दुनिया के लिए नया अवसर
चीन की यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन रिसर्च टीम इसे वैश्विक स्तर पर साझा करने के लिए तैयार है. प्रोफेसर डोउ और उनकी टीम ने अपने सर्जिकल AI सॉफ्टवेयर को ओपन सोर्स करने का फैसला किया है, ताकि दुनिया भर के वैज्ञानिक और रिसर्चर इसका मुफ्त में इस्तेमाल कर सकें. डोउ का मानना है कि कुछ साल पहले तक ऑटोमेटेड सर्जरी एक सपना थी, लेकिन अब यह हकीकत बन रही है. इस ओपन सोर्स पहल से वैश्विक स्तर पर सर्जिकल रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी आएगी और मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.
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