चीन का Chengdu J-20 जेट अमेरिका के लिए भी काल, F-35 की कोई औकात नहीं; जानिए क्या है खासियत

    21वीं सदी के युद्ध का मैदान अब ज़मीन से ज़्यादा आसमान में तय हो रहा है. जिन देशों के पास अत्याधुनिक एयरफोर्स है, वही भविष्य की लड़ाइयों में निर्णायक बढ़त बना पाएंगे.

    China Chengdu J-20 jet nightmare for America
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    बीजिंगः 21वीं सदी के युद्ध का मैदान अब ज़मीन से ज़्यादा आसमान में तय हो रहा है. जिन देशों के पास अत्याधुनिक एयरफोर्स है, वही भविष्य की लड़ाइयों में निर्णायक बढ़त बना पाएंगे. अमेरिका लंबे समय से इस क्षेत्र में सबसे आगे रहा है, लेकिन अब चीन उसकी बराबरी करने की पूरी कोशिश में जुटा है. वहीं, भारत ने भी अपनी सैन्य ताकत को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर ले जाते हुए एक बड़ा कदम उठाया है – पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी फाइटर जेट, AMCA.

    यूएसएसआर के पतन के बाद बदला वैश्विक शक्ति संतुलन

    सोवियत यूनियन के विघटन के बाद वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव आया. रूस अब पहले जैसी सुपरपावर स्थिति में नहीं रहा, और इस खाली जगह को भरने के लिए चीन तेजी से आगे बढ़ा है. आर्थिक ताकत के साथ-साथ मॉडर्न वॉरफेयर टेक्नोलॉजी में भी चीन ने जबरदस्त प्रगति की है. आज वह अमेरिका को हर मोर्चे पर चुनौती देने की स्थिति में पहुंच चुका है.

    फिफ्थ जनरेशन की रेस में अमेरिका और चीन सबसे आगे

    वर्तमान में अमेरिका के पास F-22 Raptor जैसा अत्याधुनिक फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट है, जबकि चीन के पास इसका जवाब है – Chengdu J-20, जिसे ‘माइटी ड्रैगन’ के नाम से भी जाना जाता है. यह चीन की सैन्य तकनीक की ऊंचाई का प्रतीक बन चुका है.

    इस स्टील्थ फाइटर का उद्देश्य एयर सुपरियोरिटी को मजबूत करना और लंबी दूरी तक दुश्मन पर सटीक वार करना है. J-20 विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में चीन की मौजूदगी को और मजबूत करता है.

    J-20 की तकनीकी ताकत

    • स्टील्थ क्षमताएं: ऐसा डिज़ाइन जो रडार और इंफ्रारेड डिटेक्शन को चकमा दे सके.
    • इंजन: दो WS-10C टर्बोफैन इंजन के साथ मैक 2 की स्पीड और 5,500 किमी की रेंज.
    • एवियोनिक्स: डिजिटल ग्लास कॉकपिट, हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले और मल्टी-स्पेक्ट्रल सेंसर से लैस.
    • हथियार प्रणाली: PL-10, PL-15 जैसी एडवांस मिसाइलें, लेज़र-गाइडेड बम और एंटी-रेडिएशन मिसाइलें.
    • AESA रडार: वही रडार सिस्टम जो फ्रांस के राफेल जेट में भी देखने को मिलता है.

    हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन J-20S के साथ एक टेल-लेस स्टील्थ जेट की टेस्टिंग कर रहा है, जो संभावित रूप से उसकी छठी पीढ़ी की तैयारी का संकेत है.

    अमेरिका का सीधा आरोप: चोरी की गई तकनीक

    J-20 की बढ़ती ताकत को लेकर अमेरिका ने कड़ा बयान दिया है. उनका दावा है कि चीन ने अमेरिकी F-22 रैप्टर की तकनीक चुराकर J-20 को विकसित किया है. 2024 के झुहाई एयरशो में J-20 का प्रदर्शन दुनिया भर के लिए चीन की वायु शक्ति का प्रदर्शन था.

    भारत भी मैदान में उतर चुका है

    भारत अब इस हाई-टेक रेस से बाहर नहीं रहना चाहता. रक्षा मंत्रालय ने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए प्रोटोटाइप विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा. ‘एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA)’ के मॉडल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हरी झंडी मिल चुकी है.

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