आखिर बार-बार क्यों डूब रही चीन की राजधानी? एक बाढ़ ने 80 हजार लोगों कर कर दिया बेघर

    चीन की राजधानी बीजिंग इन दिनों मूसलधार बारिश की चपेट में है, जिससे शहर में भारी तबाही मच गई है. पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने शहर की व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसमें 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 80,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

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    चीन की राजधानी बीजिंग इन दिनों मूसलधार बारिश की चपेट में है, जिससे शहर में भारी तबाही मच गई है. पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने शहर की व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसमें 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 80,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाढ़ से बीजिंग और उसके आसपास के इलाकों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लेकिन यह पहला मामला नहीं है, जब बीजिंग में बाढ़ आई हो. हर साल इस शहर को ऐसी स्थितियों का सामना क्यों करना पड़ता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की असल वजहें.

    बीजिंग में बाढ़ क्यों आती है? प्रमुख कारण

    अचानक और अत्यधिक बारिश

    बीजिंग, जो उत्तर चीन का हिस्सा है, आमतौर पर एक सूखा क्षेत्र है, जहां बारिश बहुत कम होती है. लेकिन जैसे ही जुलाई और अगस्त में ईस्ट एशियाई मानसून सक्रिय होता है, यह क्षेत्र अचानक भारी बारिश का शिकार हो जाता है. हाल ही में, कुछ इलाकों में 30 सेंटीमीटर तक बारिश हुई, जो इस क्षेत्र के सालभर के औसत से कई गुना ज्यादा थी. यह अत्यधिक बारिश बाढ़ का एक बड़ा कारण बनती है.

    ऊबड़-खाबड़ और पथरीली जमीन

    बीजिंग और उसके आसपास की जमीन ऊंची-नीची और पथरीली है, जो बारिश के पानी को सोखने की बजाय उसे तेज़ी से नीचे की ओर बहने के लिए मजबूर करती है. यह स्थिति फ्लैश फ्लड या अचानक बाढ़ के रूप में तब्दील हो जाती है. इसके कारण बाढ़ की गति और तीव्रता में काफी बढ़ोतरी हो जाती है.

    मिट्टी में नमी की कमी

    बीजिंग की मिट्टी में नमी की कमी है, जिसका असर यह होता है कि बारिश का पानी जमीन में समाने की बजाय सीधे नदियों और सड़कों में बहने लगता है. इसका परिणाम यह होता है कि बाढ़ की तीव्रता बढ़ जाती है, और पानी के बहाव में कोई रुकावट नहीं आती.

    तेजी से शहरीकरण और कंक्रीटीकरण

    बीजिंग में शहरीकरण की प्रक्रिया पिछले कुछ दशकों में तेज़ी से बढ़ी है. इसके परिणामस्वरूप कंक्रीट और अन्य निर्माण सामग्रियों की भरमार हो गई है, जो जमीन के प्राकृतिक अवशोषण को रोकती हैं. इसके अलावा, सीवर सिस्टम भी पुराना और अपर्याप्त है, जो भारी बारिश के दौरान पानी को सही ढंग से हैंडल करने में सक्षम नहीं है. जलवायु परिवर्तन का असर भी इस समस्या को और बढ़ा रहा है.

    पहले भी हो चुकी है भारी तबाही

    बीजिंग के मियुन जिले से करीब 17,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है, और हेबेई प्रांत के लुआनपिंग काउंटी में भूस्खलन के कारण चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि आठ लोग अभी भी लापता हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस क्षेत्र में संचार सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो चुकी हैं और बाहरी दुनिया से संपर्क करना लगभग असंभव हो गया है.

    यह पहली बार नहीं है जब बीजिंग को इतनी भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ा है. 2023 में भी जुलाई-अगस्त में भारी बारिश के कारण बाढ़ आई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे. 2021 में चीन के हेनान प्रांत में बाढ़ के कारण 300 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. इतिहास गवाह है कि 1931 में चीन में आई बाढ़ ने 20 से 25 लाख लोगों की जान ले ली थी, जो अब तक की सबसे घातक बाढ़ मानी जाती है.

    सरकार की तैयारियां और राहत उपाय

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें और नागरिकों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करें. सरकार ने सड़कें और इमारतों की मरम्मत के लिए 50 मिलियन युआन (लगभग 7 करोड़ रुपये) की राशि जारी की है, और शांक्सी और हेबेई जैसे प्रांतों में राहत सामग्री भेजी जा रही है. सरकार ने बचाव कार्यों के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करने की योजना बनाई है.

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