सीजफायर के बाद भी थाईलैंड सतर्क! VL MICA एयर डिफेंस सिस्टम को किया तैनात, जानें इसकी खासियत

    VL MICA air defense system: 24 जुलाई 2025 को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर एक बार फिर जंग जैसे हालात बन गए. प्राचीन मंदिरों के लिए लंबे समय से चल रही तनातनी अब हथियारों की आवाज़ में बदल चुकी है.

    Thailand Cambodia ceasefire VL MICA air defense system know its specialties
    Image Source: MBDA

    VL MICA air defense system: 24 जुलाई 2025 को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर एक बार फिर जंग जैसे हालात बन गए. प्राचीन मंदिरों के लिए लंबे समय से चल रही तनातनी अब हथियारों की आवाज़ में बदल चुकी है. ऐसे में थाई सेना ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने फ्रेंच-निर्मित VL MICA शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम को पहली बार युद्ध के मैदान में उतारने का फैसला किया है.

    VL MICA कोई साधारण डिफेंस सिस्टम नहीं है. इसे यूरोप की जानी-मानी कंपनी MBDA ने तैयार किया है. यह प्रणाली कम दूरी के हवाई हमलों से बचाने में माहिर मानी जाती है, चाहे वो दुश्मन के ड्रोन हों, क्रूज मिसाइलें या फिर लड़ाकू विमान.

    पहली बार जंग में उतरेगा VL MICA

    थाई सेना ने इसे 2017 में खरीदा था, लेकिन अब तक इसे युद्ध में नहीं आजमाया गया था. 20 किलोमीटर तक की रेंज और 9,000 मीटर की ऊंचाई तक हमला करने की क्षमता रखने वाला यह सिस्टम अब ता मुएन थॉम और प्रह विहार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है.

    क्या हुआ सीमा पर?

    24 जुलाई से शुरू हुई इस झड़प ने देखते ही देखते एक बड़े सैन्य संघर्ष का रूप ले लिया. दोनों देशों की सेनाएं भारी हथियारों और हवाई ताकत का उपयोग करने लगीं. थाईलैंड की ओर से F-16 जेट्स ने जवाबी कार्रवाई की, तो वहीं कंबोडिया की ओर से रॉकेट और ड्रोन से हमले तेज़ कर दिए गए.

    हालात इतने बिगड़े कि हजारों लोगों को सीमावर्ती इलाकों से हटाना पड़ा. स्कूल और अस्पताल बंद हो गए. और यहीं से शुरू होती है VL MICA की असली परीक्षा.

    एक भरोसेमंद सुरक्षा कवच या जोखिम भरा प्रयोग?

    यह सिस्टम सीधे ऊपर मिसाइल लॉन्च कर 360 डिग्री कवरेज देता है, यानी कोई भी हवाई खतरा बच नहीं सकता. इसमें रडार और इंफ्रारेड सेंसर लगे हैं, जो दिन-रात और हर मौसम में काम करते हैं.

    लेकिन, यह भी सच है कि इसे अब तक सिर्फ ट्रेनिंग और अभ्यासों में ही परखा गया था. अब यह पहली बार असली जंग में उतरेगा. यानी तकनीकी गड़बड़ियों की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.

    थाईलैंड की रणनीति क्या है?

    थाईलैंड ने इसे सिर्फ एक हथियार के रूप में नहीं, बल्कि एक संदेश के रूप में तैनात किया है. यह दिखाना चाहता है कि वह अब पुराने Spada 2000 जैसे कमजोर सिस्टम्स पर निर्भर नहीं रहेगा. देश की सुरक्षा नीति अब आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित है, और VL MICA इसका प्रतीक बनकर उभरा है.

    MBDA के लिए भी एक बड़ा मोड़

    अगर यह सिस्टम युद्ध में कामयाबी दिखाता है, तो MBDA को दक्षिण एशिया और बाकी देशों से भी ऑर्डर्स मिल सकते हैं. थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया में इसका पहला उपयोगकर्ता बना है, यह कंपनी के लिए एक लाइव डेमो जैसा मौका है.

    क्या VL MICA तनाव कम करेगा या और बढ़ाएगा?

    यह सवाल अब भी हवा में है. क्योंकि जहां एक ओर यह सिस्टम थाईलैंड की सुरक्षा को मजबूत करेगा, वहीं इसकी तैनाती से कंबोडिया को उकसाया भी जा सकता है. सीमा के गांवों में रह रहे आम नागरिकों के लिए भी यह एक डर का समय है. मिसाइलें, ड्रोन, रडार, यह सब उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दखल दे रहे हैं.

    ये भी पढ़ें- 'बैठ जाइए मेरा जवाब सुनिए', जब संसद में अखिलेश यादव को अमित शाह ने सुनाई खरी-खरी; जानें क्या है पूरा वाक्या