Changes in UPI: भारत में डिजिटल भुगतान का पर्याय बन चुका यूपीआई (UPI) अब और ज्यादा स्मार्ट, तेज और सुरक्षित हो गया है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 16 जून से यूपीआई सिस्टम में बड़ा तकनीकी सुधार लागू कर दिया है, जिससे करोड़ों यूजर्स को ट्रांजेक्शन के दौरान पहले से कहीं बेहतर अनुभव मिलेगा.
क्या है नया बदलाव?
यूपीआई अब न सिर्फ स्पीड में तेज होगा, बल्कि ट्रांजेक्शन फेल होने पर रीफंड और स्टेटस अपडेट भी चुटकियों में हो जाएंगे. NPCI के इस सुधार से ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया 66% तक फास्ट हो गई है, जिससे पेमेंट का रिस्पॉन्स टाइम 30 सेकंड से घटकर 15 सेकंड हो गया है.
रिफंड भी होगा अब एक्सप्रेस स्पीड में
अगर कोई पेमेंट फेल हो जाता है, तो पहले यूजर्स को रीफंड के लिए घंटों या कभी-कभी दिनों तक इंतजार करना पड़ता था. अब यह प्रक्रिया भी पूरी तरह से तेज हो गई है. फेल ट्रांजेक्शन का रिफंड: अब सिर्फ 10 सेकंड में. स्टेटस चेक और एड्रेस वेरिफिकेशन: अब 10 सेकंड में
इस बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?
भारत में हर दिन करोड़ों की संख्या में यूपीआई ट्रांजेक्शन हो रहे हैं. ऐसे भारी ट्रैफिक में तकनीकी समस्याएं, सिस्टम पर लोड और फेल ट्रांजेक्शन आम बात बन गए थे. यूजर्स को बार-बार अटके हुए पेमेंट और स्लो रिस्पॉन्स का सामना करना पड़ता था. NPCI ने इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए बैकएंड सिस्टम को अपग्रेड किया है, जिससे अब ट्रांजेक्शन ज़्यादा स्थिर, भरोसेमंद और यूज़र-फ्रेंडली हो जाएगा.
किन ऐप्स पर मिलेगा इसका असर?
यह सुधार हर उस ऐप पर लागू होगा जो यूपीआई सेवा देता है. इनमें शामिल हैं:
यूजर्स को क्या मिलेगा फायदा?
तेज ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग, कम फेल्योर रेट, रीफंड और स्टेटस ट्रैकिंग में त्वरित सुविधा, स्मूद और सिक्योर अनुभव
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