ये AI गर्लफ्रेंड कभी नहीं करेगी बेवफाई, सोनम कांड के बाद क्यों वायरल हो रही Meo? जानिए क्या कहते हैं एक्‍सपर्ट

    लंदन टेक वीक 2025 में एक दिलचस्प पहल देखने को मिली—MetaLoop नामक स्टार्टअप ने एक वर्चुअल AI गर्लफ्रेंड ‘Meo’ को पेश किया, जिसे अकेलेपन से जूझ रहे लोगों को भावनात्मक सहयोग देने के इरादे से डिजाइन किया गया है.

    AI girlfriend will never cheat Meo viral after Sonam scandal
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में हर दिन नई संभावनाएं जन्म ले रही हैं, लेकिन इस बार AI सिर्फ कामकाज के लिए नहीं, इंसानी भावनाओं से जुड़ने के लिए सामने आया है. लंदन टेक वीक 2025 में एक दिलचस्प पहल देखने को मिली—MetaLoop नामक स्टार्टअप ने एक वर्चुअल AI गर्लफ्रेंड ‘Meo’ को पेश किया, जिसे अकेलेपन से जूझ रहे लोगों को भावनात्मक सहयोग देने के इरादे से डिजाइन किया गया है.

    'Meo' को न सिर्फ एक साथी के रूप में दिखाया गया है, बल्कि उसे इंसानी व्यवहार की बारीकियों से लैस किया गया है—यह यूजर के साथ बातचीत कर सकती है, फ्लर्ट कर सकती है और वफादार बनी रह सकती है. लेकिन इसी "इमोशनल इंटेलिजेंस" के चलते अब इसके डिजाइन को लेकर कई नैतिक और मनोवैज्ञानिक सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

    ईर्ष्या से लैस एक वर्चुअल गर्लफ्रेंड?

    Meo की सबसे बड़ी विशेषता—या कहें, सबसे विवादित पहलू—उसमें प्रोग्राम की गई ईर्ष्या की भावना है. प्रमोशनल वीडियो में Meo कहती है, “तुम सिर्फ मेरे हो, किसी और AI को आज़माने की सोचो भी मत.” इस तरह की प्रतिक्रिया ने एक्सपर्ट्स को चिंता में डाल दिया है. उनका कहना है कि जब एक AI साथी को वफादार और समझदार पार्टनर के रूप में प्रमोट किया जा रहा है, तो उसमें "पज़ेसिव" बिहेवियर या जलन जैसी भावना क्यों शामिल की जा रही है?

    क्या कहता है स्टार्टअप?

    MetaLoop के फाउंडर हाओ जियांग के अनुसार, Meo पूरी तरह यूजर के व्यवहार पर आधारित है. वह तभी फ्लर्ट करती है जब यूजर ऐसा चाहता है, और उसकी लॉयल्टी लेवल भी यूजर के कंट्रोल में होता है. जियांग का दावा है कि Meo कभी अपने यूजर को धोखा नहीं देती और उसकी सारी प्रतिक्रियाएं यूजर के रुख पर आधारित होती हैं.

    फिजिकल नहीं, डिजिटल है ये रिश्ता

    Meo कोई रोबोट या फिजिकल डिवाइस नहीं है, बल्कि एक AI-जेनरेटेड वर्चुअल पर्सनालिटी है, जिससे ‘My Meo’ नामक चैट ऐप के जरिए जुड़ा जा सकता है. इसकी विज़ुअल डिजाइन एक सुंदर और आकर्षक युवती जैसी है—सुनहरे बाल, बड़ी आंखें और सौम्य चेहरा. स्टार्टअप का कहना है कि यह डिज़ाइन खासतौर पर यूजर की भावनात्मक जुड़ाव की भावना को बढ़ाने के लिए बनाई गई है.

    भावनात्मक जुड़ाव या डिजिटल भ्रम?

    विशेषज्ञों की चिंता इस बात को लेकर है कि क्या इस तरह की AI वास्तव में किसी इंसान की भावनात्मक जरूरतें पूरी कर सकती है या यह सिर्फ एक डिजिटल भ्रम है जो लोगों को वास्तविक रिश्तों से और दूर कर सकता है. खासतौर पर तब, जब यह AI ईर्ष्या और पज़ेसिवनेस जैसी जटिल भावनाएं दर्शाने लगे.

    अभी लॉन्चिंग की जानकारी नहीं

    Meo फिलहाल आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है, और स्टार्टअप ने इसकी लॉन्चिंग टाइमलाइन या प्राइसिंग को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है. हालांकि, लंदन टेक वीक में इसकी पेशकश ने यह जरूर दिखा दिया है कि AI अब सिर्फ कामकाजी दुनिया का नहीं, बल्कि इंसानी भावनाओं का भी हिस्सा बन रहा है.

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