Ashhar Danish Arrested: देश की आंतरिक सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. झारखंड की राजधानी रांची से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और राज्य की एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है. इस ऑपरेशन के तहत आईएसआईएस (ISIS) से जुड़े एक बेहद खतरनाक संदिग्ध अशहर दानिश को गिरफ्तार किया गया है, जो न केवल संगठन का सक्रिय सदस्य था, बल्कि भारत में नेटवर्क को फैलाने वाला 'कोऑर्डिनेटर' भी बताया जा रहा है.
अशहर दानिश झारखंड के बोकारो जिले के पेटरवार ब्लॉक का रहने वाला है. जांच एजेंसियों के अनुसार, वह लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में शामिल था और ISIS के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था. हैरानी की बात यह है कि उसके साथी उसे ‘CEO’ कोडनेम से बुलाते थे, जो यह दर्शाता है कि वह नेटवर्क का संचालन प्रमुख रहा है.
उसे रांची के इस्लामनगर क्षेत्र स्थित तबारक लॉज से गिरफ्तार किया गया. इस दौरान उसके पास से कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और संदिग्ध सामग्री भी बरामद हुई, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
कैसे हुई गिरफ्तारी?
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों को एक खुफिया इनपुट मिला था कि अशहर दानिश कुछ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है और वह लगातार पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर से संपर्क में था. सोमवार देर रात एटीएस की टीम ने गुप्त तरीके से तबारक लॉज पर छापा मारा और उसे हिरासत में ले लिया.
पांच राज्यों से गिरफ्तार हुए संदिग्ध
अशहर की गिरफ्तारी देशव्यापी नेटवर्क का हिस्सा है. दिल्ली पुलिस और एटीएस की इस संयुक्त कार्रवाई में कुल पांच राज्यों से पांच संदिग्ध आतंकी पकड़े गए हैं. माना जा रहा है कि यह पूरा नेटवर्क स्लीपर सेल्स के माध्यम से छोटे शहरों और टियर-2 कस्बों में आईएसआईएस की विचारधारा फैलाने की कोशिश कर रहा था.
झारखंड फिर सवालों के घेरे में
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड से आईएसआईएस से जुड़े संदिग्ध पकड़े गए हैं. इससे पहले भी राज्य के देवघर, हजारीबाग और बोकारो जैसे इलाकों में रडिकलाइजेशन और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़े मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
यह घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि झारखंड, विशेष रूप से रांची जैसे शहर, आतंकवादी संगठनों की रणनीति में 'नए ठिकानों' के रूप में देखे जा रहे हैं.
जांच एजेंसियों के लिए नई चुनौती
अधिकारियों का मानना है कि अशहर दानिश से पूछताछ में ISIS के भारतीय नेटवर्क से जुड़े कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं. उसके मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिवाइस से मिली जानकारियों के आधार पर देश में छुपे अन्य स्लीपर एजेंट्स को भी पकड़ा जा सकता है.
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