लंदन/नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खुलासों के बाद जहां पाकिस्तान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया, वहीं ब्रिटेन की जानी-मानी रक्षा कंपनी मार्टिन-बेकर द्वारा साझा किए गए आंकड़े अब इस पूरे घटनाक्रम में एक नया और दिलचस्प आयाम जोड़ रहे हैं.
दुनिया की अग्रणी इजेक्शन सीट निर्माता कंपनी मार्टिन बेकर ने हाल ही में कुछ ऐसे अपडेट जारी किए हैं, जो यह संकेत दे रहे हैं कि पाकिस्तानी फाइटर जेट्स के पायलटों ने आपात स्थिति में सीटें इजेक्ट की हैं- ठीक उसी समय जब भारतीय वायुसेना का ऑपरेशन चल रहा था.
इजेक्शन सीट की मदद से कितनी जानें बचीं
मार्टिन बेकर दुनिया की उन चुनिंदा कंपनियों में है, जो दुनियाभर के सैन्य विमानों में इस्तेमाल की जाने वाली इजेक्शन सीट्स बनाती है. इनका एक नियम है हर उस पायलट का रिकॉर्ड सार्वजनिक करना, जिसने सफलतापूर्वक उनकी सीट का इस्तेमाल कर अपनी जान बचाई हो.
हाल ही में कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि अब तक उनकी इजेक्शन सीटों की वजह से 7,794 लोगों की जान बच चुकी है.
इसी कड़ी में विशेषज्ञों का ध्यान तीन ऐसे केस नंबरों (7790, 7791, 7792) पर गया, जिनके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं दी गई, लेकिन संख्या में उछाल देखा गया. इस बात ने इन अज्ञात मामलों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासतौर पर तब जब इनका समय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मेल खाता है.
पाकिस्तानी जेट्स में होती है मार्टिन बेकर की तकनीक
गौरतलब है कि पाकिस्तान एयरफोर्स के मुख्य लड़ाकू विमानों – JF-17 थंडर और F-16 फाइटर जेट्स में मार्टिन बेकर की इजेक्शन सीट्स लगी होती हैं. जब भी किसी पायलट को इन सीटों के ज़रिए विमान छोड़ना पड़ता है और वो सुरक्षित बच जाता है, तो कंपनी वैश्विक स्तर पर इस आंकड़े को अपडेट करती है.
हालांकि गोपनीयता समझौते के तहत मार्टिन बेकर किसी संघर्ष क्षेत्र में हुए नुकसान या सटीक लोकेशन की पुष्टि नहीं करता. लेकिन बचाई गई जानों की संख्या को अपडेट करना उसकी नीति में शामिल है.
16 अप्रैल से 7 मई के बीच हुए अनजाने अपडेट
मार्टिन बेकर के सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार:
16 अप्रैल को पाकिस्तान के मिराज V ROSE विमान की दुर्घटना की जानकारी साझा की गई, जिसमें दोनों पायलट सुरक्षित इजेक्ट हुए.
इसके बाद, 7 मई को दो और घटनाओं की जानकारी दी गई- एक अमेरिका का F/A-18F सुपर हॉर्नेट और दूसरा फिनलैंड का F/A-18C दोनों ही मामलों में पायलटों ने सीट का उपयोग कर जान बचाई.
लेकिन इसी दौरान, 7,785 और 7,786 नंबर के इजेक्शन की जानकारी कहीं सार्वजनिक नहीं की गई. और यहीं से विश्लेषकों का ध्यान इस ओर गया कि क्या ये दो आंकड़े ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान में इजेक्ट हुए पायलटों से जुड़े हो सकते हैं?
इसके बाद 7,790, 7,791 और 7,792 की गिनती भी आई जिनके बारे में कंपनी ने कोई ब्योरा नहीं दिया.
31 जुलाई को अगला अपडेट, सवाल अब भी कायम
मार्टिन बेकर ने 31 जुलाई को अगली जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि पोर्टो फेरेरा में एक ब्राज़ीलियन सुपर टूकानो विमान हादसे का शिकार हुआ और पायलट ने सफलतापूर्वक इजेक्शन सीट का इस्तेमाल किया. यह संख्या तब तक 7,793 पहुंच चुकी थी.
लेकिन उन तीन अज्ञात मामलों (7,790–7,792) की जानकारी अब भी सार्वजनिक नहीं की गई है. और यही जानकारी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दावों के अनुरूप मानी जा रही है, जहां भारतीय वायुसेना ने पांच पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को मार गिराने का दावा किया था.
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