ब्रिटेन खरीदेगा परमाणु क्षमता से लैस F-35 जेट, NATO के मिशन में देगा नई ताकत

    द हेग (नीदरलैंड): बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और रूस-यूक्रेन युद्ध की छाया के बीच ब्रिटेन ने अपनी परमाणु रणनीति को एक नई दिशा देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने बुधवार को नीदरलैंड में आयोजित NATO शिखर सम्मेलन के दौरान यह ऐलान किया कि ब्रिटेन अमेरिका निर्मित 12 F-35 लड़ाकू विमान खरीदेगा, जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम होंगे.

    Britian uk will buy F-35 Fighter Jets
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    द हेग (नीदरलैंड): बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और रूस-यूक्रेन युद्ध की छाया के बीच ब्रिटेन ने अपनी परमाणु रणनीति को एक नई दिशा देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने बुधवार को नीदरलैंड में आयोजित NATO शिखर सम्मेलन के दौरान यह ऐलान किया कि ब्रिटेन अमेरिका निर्मित 12 F-35 लड़ाकू विमान खरीदेगा, जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम होंगे. इसके साथ ही ब्रिटेन नाटो के साझा परमाणु हवाई मिशन का हिस्सा भी बनेगा.

    ब्रिटेन की परमाणु नीति में बड़ा बदलाव

    स्टार्मर की इस घोषणा को सरकार ने "एक पीढ़ी में सबसे बड़ा बदलाव" करार दिया है. गौरतलब है कि 1990 के दशक में, शीत युद्ध के बाद ब्रिटेन ने अपने एयरबोर्न न्यूक्लियर वेपन्स (विमानों से गिराए जाने वाले परमाणु हथियार) को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया था. वर्तमान में ब्रिटेन की परमाणु क्षमता केवल पनडुब्बी आधारित बैलिस्टिक मिसाइलों तक सीमित थी. अब F-35 विमानों की खरीद और NATO मिशन में सक्रिय भागीदारी के ज़रिए ब्रिटेन अपनी एयरबोर्न परमाणु क्षमता को दोबारा स्थापित करने जा रहा है.

    NATO मिशन को मिलेगा नया बल

    नाटो महासचिव मार्क रुटे ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह ब्रिटेन का एक और मजबूत योगदान है, जो गठबंधन की सामूहिक सुरक्षा को मजबूत करेगा. वर्तमान में नाटो के केवल तीन सदस्य देश – अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस – परमाणु शक्ति संपन्न हैं. जबकि सात अन्य सदस्य देश ऐसे जेट विमान उपलब्ध कराते हैं जो या तो पारंपरिक हथियार ले जा सकते हैं या अमेरिका द्वारा यूरोप में तैनात B61 परमाणु बमों को.

    यूक्रेन को भी मिलेगा समर्थन
    इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री स्टार्मर ने एक और बड़ी घोषणा की — यूक्रेन को 350 हवाई रक्षा मिसाइलें दी जाएंगी. इन मिसाइलों की लागत 70 मिलियन पाउंड (करीब 740 करोड़ रुपये) होगी, जिसे जब्त रूसी संपत्तियों पर ब्याज के ज़रिए वहन किया जाएगा. यह कदम यूक्रेन को युद्ध में समर्थन देने के साथ-साथ रूस पर आर्थिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है.

    रक्षा खर्च में भी इज़ाफ़ा

    ब्रिटेन ने यह भी दोहराया कि वह 2035 तक सुरक्षा खर्च को GDP के 5% तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है. फिलहाल यह आंकड़ा 2.3% है और सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक इसे 2.6% तक पहुंचाया जाए. यह संकेत है कि ब्रिटेन भविष्य में रक्षा क्षेत्र को और अधिक संसाधन देने के लिए तैयार है.

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