ब्रिटेन और ईरान शुरू हुआ नया विवाद, एक दूसरे को दिखाने लगे आंख! राजदूत तलब किए, जानें क्या है मामला?

    लंदन: ब्रिटेन और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे कूटनीतिक तनाव में एक और अध्याय जुड़ गया है. हाल ही में लंदन की एक अदालत में तीन ईरानी नागरिकों के खिलाफ जासूसी से जुड़ा मामला सामने आया है, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आ गई है.

    Britain and uk diplomatic ambassador summoned
    Image Source: Social Media

    लंदन: ब्रिटेन और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे कूटनीतिक तनाव में एक और अध्याय जुड़ गया है. हाल ही में लंदन की एक अदालत में तीन ईरानी नागरिकों के खिलाफ जासूसी से जुड़ा मामला सामने आया है, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आ गई है. ब्रिटेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ईरानी राजदूत को तलब किया, जबकि ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में एक ब्रिटिश राजनयिक को बुलाकर विरोध दर्ज कराया है.

    लंदन में तीन ईरानियों पर जासूसी के आरोप


    शनिवार को ब्रिटिश अदालत में तीन ईरानी नागरिकों पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने ईरान के एक समाचार संगठन के लिए ब्रिटेन में रहने वाले पत्रकारों की जासूसी की और उनके खिलाफ हमले की साजिश रची. अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जिसे किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

    ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने इसे "खतरनाक गतिविधि" बताया और कहा कि किसी भी तरह की विदेशी जासूसी या धमकी को देश की सरजमीं पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विदेश मंत्रालय के अनुसार, ईरान को इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो कड़े कदम उठाए जाएंगे.

    ईरान का पलटवार: हिरासत को बताया 'अवैध'


    वहीं ईरान ने भी तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए लंदन में अपने एक नागरिक की कथित ‘अवैध हिरासत’ पर आपत्ति जताई. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, तेहरान ने ब्रिटिश राजनयिक को तलब कर इस हिरासत को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और सख्त विरोध दर्ज कराया. हालांकि, हिरासत में लिए गए व्यक्ति की पहचान अभी तक सामने नहीं आई है.

    पहले से तनावपूर्ण हैं दोनों देशों के संबंध


    ब्रिटेन और ईरान के रिश्ते पहले से ही परमाणु कार्यक्रम, मानवाधिकार उल्लंघन, और मध्य पूर्व की सुरक्षा नीतियों को लेकर तनावपूर्ण बने हुए हैं. अब यह नया विवाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत को और जटिल बना सकता है. लंदन स्थित विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला सिर्फ कानूनी या खुफिया स्तर का नहीं है, बल्कि इससे यह भी संकेत जाता है कि ब्रिटेन अब अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े मामलों में अधिक सख्ती से पेश आ रहा है.

    यह भी पढ़ें: 'अगर गाजा में युद्ध नहीं रोका तो...', ट्रंप ने इजराइल को दी सख्त चेतावनी