इस्लामाबाद/क्वेटा: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में जारी संघर्ष ने एक बार फिर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है. बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) नामक सशस्त्र संगठन ने एक बयान जारी करते हुए दावा किया है कि उसने हाल ही में 'ऑपरेशन हेरोफ' के तहत 71 हमलों को अंजाम दिया है. यह हमले पाकिस्तान की सेना, खुफिया एजेंसियों, पुलिस थानों, खनन संसाधनों और बुनियादी ढांचे को लक्षित करते हुए किए गए.
हमलों की प्रकृति और दायरा
BLA द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन हमलों को केच, पंजगुर, मस्तंग, क्वेटा, जमुरान, तोलंगी, कुलुकी और नुशकी जैसे रणनीतिक इलाकों में अंजाम दिया गया. संगठन ने दावा किया कि इन कार्रवाइयों में IED धमाकों, स्नाइपर हमलों और सीधे सशस्त्र टकराव के ज़रिए पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया.
BLA का दावा: आत्मनिर्णय का संघर्ष
BLA के प्रवक्ता जियांद बलूच ने स्पष्ट किया है कि संगठन का संघर्ष किसी तीसरे देश या शक्ति के इशारे पर नहीं हो रहा है, बल्कि यह बलूच जनता के राजनैतिक और आर्थिक अधिकारों के लिए चल रहा एक स्वतंत्र आंदोलन है. उन्होंने कहा, "हम किसी के मोहरे नहीं हैं, और न ही मूक दर्शक. यह एक संगठित और स्वतंत्र निर्णय लेने वाला आंदोलन है, जिसका उद्देश्य बलूच जनता की पहचान, संसाधनों और अधिकारों की रक्षा है."
बलूच जनता के मानवाधिकारों का उल्लंघन
BLA ने पाकिस्तान सरकार और सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन, गैरकानूनी हिरासत, और बलपूर्वक गायब करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. संगठन का कहना है कि बलूचिस्तान के नागरिकों को राज्य प्रायोजित हिंसा का सामना करना पड़ रहा है और इसकी अनदेखी अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकती है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत से अपील
अपने बयान में BLA ने संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठनों, और भारत से अपील की है कि वे पाकिस्तान पर दबाव डालें ताकि बलूचिस्तान में कथित ज्यादतियों को रोका जा सके. संगठन ने चेतावनी दी कि यदि वर्तमान हालात जारी रहे, तो क्षेत्र में आगे और हिंसा तथा अस्थिरता की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
बलूचिस्तान का संघर्ष और रणनीतिक महत्त्व
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और खनिज संपदा से समृद्ध प्रांत है. हालांकि, दशकों से यहां अलगाववादी भावनाएं और केंद्र सरकार के खिलाफ असंतोष बना हुआ है. स्थानीय समुदायों का कहना है कि उनकी ज़मीन से प्राप्त प्राकृतिक संसाधनों का उचित लाभ उन्हें नहीं मिल रहा, जबकि उनकी संस्कृति, भाषा और राजनीतिक पहचान को लगातार दबाया जा रहा है.
BLA, जो कि पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है, बीते कुछ वर्षों में सी-पैक परियोजनाओं, रेल इंफ्रास्ट्रक्चर, और विदेशी निवेश पर भी हमले कर चुका है.
ये भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर के बाद 'मेड इन इंडिया' हथियारों का बजा डंका, चीन के डिफेंस स्टॉक्स में आई भारी गिरावट