BLA ने क्वेटा-कराची हाईवे बंद किया, सरकारी इमारतों में लगाई आग, पाक‍िस्‍तानी सेना में डर का माहौल

    पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर गंभीर सवालों के घेरे में है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के 'फतेह स्क्वॉड' ने रविवार को क्वेटा-कराची राष्ट्रीय राजमार्ग (N-25) को घंटों के लिए बाधित कर दिया, इसके साथ ही उन्होंने कई सरकारी परिसरों पर हमला कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया.

    BLA closed Quetta-Karachi highway set fire to government buildings fear in Pakistani army
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    क्वेटा: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर गंभीर सवालों के घेरे में है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के 'फतेह स्क्वॉड' ने रविवार को क्वेटा-कराची राष्ट्रीय राजमार्ग (N-25) को घंटों के लिए बाधित कर दिया, इसके साथ ही उन्होंने कई सरकारी परिसरों पर हमला कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया.

    सरकारी परिसरों को निशाना

    बीएलए के लड़ाकों ने कलात जिले के मोंगोचार कस्बे में कार्रवाई करते हुए यात्री और निजी वाहनों को रोककर तलाशी ली, और बाद में इलाके की प्रमुख सरकारी इमारतों – नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA), न्यायिक परिसर और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान – को आग के हवाले कर दिया.

    सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमलावर पूरी योजना के साथ आए थे और पुलिस या सेना के पहुंचने से पहले ही इलाका खाली कर चुके थे. अधिकारियों ने हमलों के पीछे बीएलए की फतेह स्क्वॉड को ज़िम्मेदार ठहराया है, जिन्होंने इसे “बलूच स्वतंत्रता संग्राम” का हिस्सा बताया है.

    कैदियों की रिहाई के लिए हमला

    घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू वह था जब बीएलए के लड़ाकों ने एक पुलिस वाहन को हाईवे पर रोककर हमला किया, जिसमें कई कैदियों को गदानी जेल से क्वेटा और माच के केंद्रीय कारागार ले जाया जा रहा था. हमलावरों ने न सिर्फ कम से कम 10 कैदियों को छुड़ा लिया, बल्कि 5 पुलिसकर्मियों को बंधक भी बना लिया.

    सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इस ऑपरेशन का प्राथमिक उद्देश्य ही इन कैदियों को छुड़ाना था, और इसके लिए राजमार्ग को पहले से ब्लॉक कर हमले की तैयारी की गई थी. दो पुलिसकर्मी, जो सादे कपड़ों में थे, किसी तरह इस हमले में बच निकले.

    राजनीतिक विश्लेषकों की राय

    राजनीतिक विश्लेषक कमरान यूसुफ के अनुसार, यह हमला बीएलए की संगठित क्षमताओं और खुफिया सूचना तक पहुंच को दर्शाता है. उन्होंने कहा, “बीएलए के लड़ाके जानते थे कि किस दिन, किस मार्ग और किस वाहन से कैदियों को ले जाया जा रहा है – यह साफ संकेत है कि आतंकी नेटवर्क को स्थानीय सहयोग मिल रहा है.”

    उन्होंने यह भी चेताया कि बलूचिस्तान में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था तेजी से चरमरा रही है, और यदि इन घटनाओं को कुशलतापूर्वक नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह पाकिस्तान की आंतरिक अखंडता के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है.

    सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया

    घटना के बाद पाकिस्तानी सेना और फ्रंटियर कोर ने क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. हालांकि अब तक हमलावरों या छुड़ाए गए कैदियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. नेशनल हाईवे पर यातायात को बहाल कर दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोग भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं.

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