अमेरिका और इजरायल का एयर डिफेंस हूतियों की मिसाइल के आगे फेल, एरो और थाड क्यों नहीं रोक पा रहे हमला?

    पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों के बीच एक नया और चिंताजनक मोड़ आया है. यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल इजरायल के सबसे व्यस्ततम और रणनीतिक रूप से अहम बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास आकर गिरी, जिससे देश की एयर डिफेंस क्षमताओं को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.

    America and Israel's air defense fails in front of Houthi missiles, why are Arrow and Thaad unable to stop the attack?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    तेल अवीव: पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों के बीच एक नया और चिंताजनक मोड़ आया है. यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल इजरायल के सबसे व्यस्ततम और रणनीतिक रूप से अहम बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास आकर गिरी, जिससे देश की एयर डिफेंस क्षमताओं को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. इस हमले के बाद इजरायल और अमेरिका, दोनों के ही उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों- एरो और थाड की प्रभावशीलता पर बहस छिड़ गई है.

    मिसाइल गिरने से मचा हड़कंप, हूतियों का दावा – “डिफेंस सिस्टम को पार किया”
    हमले के कुछ ही देर बाद हूती प्रवक्ता याह्या सारेया ने बयान जारी कर कहा कि उनकी मिसाइलों ने इजरायल के सुरक्षा कवच को भेद दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास काले धुएं का घना गुबार देखा गया, जिससे यात्रियों और नागरिकों में अफरा-तफरी फैल गई.

    डबल डिफेंस, डबल फेल

    इजरायल के पास पहले से ही उन्नत ‘एरो डिफेंस सिस्टम’ है, जिसे विशेष रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसके अतिरिक्त, अमेरिका ने पिछले वर्ष ईरान और क्षेत्रीय तनावों को देखते हुए थाड (THAAD – Terminal High Altitude Area Defense) सिस्टम भी इजरायल में तैनात किया था. बावजूद इसके, रविवार के हमले में दोनों प्रणालियां मिसाइल को इंटरसेप्ट करने में विफल रहीं.

    टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने स्वीकार किया कि उन्होंने मिसाइल को रोकने की कई कोशिशें कीं, लेकिन कोई प्रयास सफल नहीं हो सका. मिसाइल एयरपोर्ट की मुख्य टर्मिनल से कुछ ही दूरी पर गिरी, जिससे संभावित बड़े नुकसान को टाला जा सका – लेकिन यह साइबर, सेंसर और रडार नेटवर्क की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

    थाड और एरो: क्यों चूके ये सिस्टम?

    विशेषज्ञों का मानना है कि हूती विद्रोही अब ईरानी सहयोग से ज्यादा सटीक, लो-ट्रैजेक्टरी और एडवांसड डिकॉय टैक्टिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्नत डिफेंस सिस्टम भी भ्रमित हो सकते हैं.

    थाड सिस्टम को उच्च ऊंचाई पर इंटरसेप्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन यदि मिसाइलें निम्न ऊंचाई और तेज़ गति से दागी जाती हैं, तो थाड की प्रतिक्रिया क्षमता सीमित हो सकती है.

    एरो सिस्टम लंबे रेंज की मिसाइलों को रोकने में सक्षम है, लेकिन यदि हमला अपेक्षा से अधिक गुप्त या तेज हो, तो यह भी चूक सकता है.

    इजरायल की प्रतिक्रिया: हम जवाब देंगे

    इजरायली रक्षा मंत्री ने हमले के बाद एक कड़ा बयान जारी करते हुए कहा, "जो भी हमें चोट पहुंचाएगा, उसे दोगुनी चोट दी जाएगी." इससे यह साफ है कि इजरायल अब यमन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की योजना पर काम कर रहा है.

    गौरतलब है कि अमेरिका पहले ही यमन में हूती ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है, लेकिन अब यदि इजरायल भी इस संघर्ष में सक्रिय सैन्य भूमिका निभाता है, तो यह क्षेत्रीय युद्ध को और अधिक जटिल और व्यापक बना सकता है.

    हूती विद्रोहियों का संदेश

    हूती गुट ने अपने बयान में साफ किया है कि वह किसी भी हालत में पीछे हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने इसे “फिलिस्तीनियों के समर्थन में जवाबी हमला” बताया है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यमन से इजरायल तक की मार करने वाली मिसाइलें ईरानी टेक्नोलॉजी का परिणाम हो सकती हैं.

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