CM nitish kumar On Free Electricity: बिहार में अब हर घर को बिजली बिल भरने की चिंता से राहत मिल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को एक और बड़ी सौगात दी है, अब हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है. यह योजना ना केवल शहरों में, बल्कि गांवों और टोले-टोले तक पहुंच बनाई है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से ऑनलाइन संवाद किया. इस कार्यक्रम में रिकॉर्ड 16 लाख लोग जुड़े. बातचीत के दौरान सीएम ने न सिर्फ योजना के फायदे गिनाए, बल्कि इसके पीछे की सोच और आने वाले समय में ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार की दिशा भी साफ की.
2005 से बदला बिहार
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले बिहार की हालत बिजली के मामले में बेहद खराब थी. कई इलाकों में दिन के सिर्फ 6-8 घंटे ही बिजली रहती थी. लेकिन नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद बिजली के क्षेत्र में लगातार सुधार किया गया. 2015 में "सात निश्चय" योजना के तहत हर घर बिजली पहुंचाने का वादा किया गया और 2018 तक लगभग हर घर में बिजली पहुंचा दी गई.
1.89 करोड़ लोगों को मिल रहा मुफ्त बिजली का लाभ
नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में राज्य के करीब 1.89 करोड़ घरेलू उपभोक्ता इस मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठा रहे हैं. सरकार का उद्देश्य है कि आम जनता को सस्ती और सतत बिजली मिलती रहे. इसके साथ ही अब सरकार ने सौर ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाया है. जो उपभोक्ता चाहें, उनके घरों की छतों पर या फिर सार्वजनिक स्थलों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जाएंगे.
सोलर लगाइए, और भी ज़्यादा बिजली पाइए
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के विस्तारीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹3,797 करोड़ अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है. पूरे वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार को कुल ₹19,792 करोड़ का खर्च वहन करना होगा. इसके साथ ही सरकार ने घोषणा की है कि जिन उपभोक्ताओं के पास अपनी छतें हैं, वहां न्यूनतम 1.1 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा. "कुटीर ज्योति" उपभोक्ताओं को यह संयंत्र पूरी तरह मुफ्त मिलेगा, जबकि अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को इसमें वित्तीय सहायता दी जाएगी.
बिजली की निर्भरता घटेगी
सौर ऊर्जा प्लांट लगने से घरों में बिजली की निर्भरता कम होगी, बिजली की आपूर्ति में रुकावट नहीं आएगी और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा. सरकार का मानना है कि यह पहल राज्य को आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम बना सकती है.
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