India-UK Trade deal: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हुए व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (Comprehensive Economic and Trade Agreement) ने देश के कृषि क्षेत्र में उम्मीदों की नई किरण जगा दी है. इस ऐतिहासिक समझौते को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को बधाई देते हुए इसे “अभूतपूर्व और किसानों के लिए वरदान” बताया है.
कृषि मंत्री के अनुसार, इस समझौते से भारत का कृषि निर्यात और मजबूत होगा क्योंकि भारत यूके को जितना निर्यात करता है, उसके मुकाबले काफी कम आयात करता है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत हर साल 8,500 करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद यूके को निर्यात करता है, जबकि आयात महज 3,200 करोड़ रुपये का होता है. ऐसे में ये समझौता ट्रेड सरप्लस बनाए रखेगा और किसानों के हितों को सुरक्षित रखेगा.
शिवराज सिंह चौहान ने और क्या कहा?
शिवराज सिंह चौहान ने साफ किया कि समझौते के तहत भारत ने किसी भी महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद पर कोई रियायत नहीं दी है. गेहूं, चावल, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जियां, फल, फूल और मसालों जैसी वस्तुओं पर यूके को कोई कन्सेशन नहीं दिया गया है ताकि देशी किसानों की उपज को किसी तरह की प्रतिस्पर्धात्मक हानि न हो.
अब बिना ड्यूटी के पहुंचेंगे भारतीय कृषि उत्पाद
दूसरी ओर, यूके ने भारत के प्रमुख कृषि उत्पादों पर 0% इम्पोर्ट ड्यूटी लागू कर दी है. इसका सीधा फायदा यह होगा कि यूके में भारतीय फल, सब्जियां, दालें, फूल, औषधीय पौधे और डेरी उत्पाद अब सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे, जिससे इनकी मांग में ज़बरदस्त इजाफा होने की संभावना है.
शिवराज सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि, “अब भारतीय आम, अनार, अंगूर, मसाले, दालें, फूल जैसे उत्पाद यूके में महंगे नहीं होंगे. वहां के लोग इन्हें ज्यादा खरीद सकेंगे जिससे भारतीय किसानों को बेहतर दाम और निर्यात का बड़ा अवसर मिलेगा.”
किसानों के लिए ‘एक्सपोर्ट का एक्सप्रेस वे’
इस समझौते को सरकार ने किसानों के लिए एक “एक्सपोर्ट का एक्सप्रेस वे” करार दिया है, क्योंकि यह समझौता एक तरफा लाभकारी है. जहां भारत ने अपने बाज़ार की सुरक्षा की है, वहीं यूके ने भारतीय उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं. इससे भारत का कृषि निर्यात बेहद प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बन जाएगा.
न्यायोचित संतुलन और किसानों की सुरक्षा
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि जो उत्पाद भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादित होते हैं और जिनका किसानों की आय से सीधा संबंध है, उन पर कोई छूट नहीं दी गई, जिससे स्थानीय बाजार प्रभावित न हो.
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