बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में शामिल एक युवा मंत्री पर इन दिनों गंभीर सवाल उठ रहे हैं. ग्रामीण विकास और सहकारिता मामलों के सलाहकार आसिफ महमूद के बैग से ढाका एयरपोर्ट पर एक AK-47 राइफल की मैगजीन मिलने का मामला सामने आया है. यह घटना उस वक्त घटी, जब वह इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) की बैठक में भाग लेने मोरक्को रवाना हो रहे थे.
चौंकाने वाली सुरक्षा चूक
नॉर्थईस्ट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका के शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान स्कैनिंग मशीन ने आसिफ महमूद के हैंडबैग में संदिग्ध वस्तु का संकेत दिया. जब सुरक्षाकर्मियों ने बैग की तलाशी ली तो उसमें से AK-47 राइफल की एक मैगजीन बरामद हुई.
यह घटना बांग्लादेश की राजनीति में सनसनी फैलाने वाली बन गई है, क्योंकि आसिफ महमूद उन युवा चेहरों में शामिल हैं, जिन्होंने बीते साल छात्र आंदोलनों का नेतृत्व करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को चुनौती दी थी.
सरकारी चुप्पी और सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
सबसे बड़ी हैरानी की बात यह रही कि इतनी संवेदनशील वस्तु मिलने के बावजूद सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें तुर्की जाने की अनुमति दे दी. वह पहले इस्तांबुल और फिर वहां से मोरक्को के मराकेश पहुंचे, जहां OIC की बैठक होनी थी.
सूत्रों के अनुसार, एयरपोर्ट स्टाफ को यह जानकारी तब मिली जब आसिफ महमूद बोर्डिंग से ठीक पहले सुरक्षा जांच से गुजर रहे थे. हैरानी की बात यह है कि उनके बैग को एयरपोर्ट एंट्री के समय जरूरी स्कैनिंग से नहीं गुजारा गया था.
"भूलवश बैग में रह गया"
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पूछे जाने पर आसिफ महमूद ने यह कहकर मामले को टालने की कोशिश की कि वह पैकिंग के दौरान मैगजीन को निकालना भूल गए. उन्होंने खेद जताया और कहा कि यह एक अनजाने में हुई गलती थी. इस सफाई को अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया और उन्हें यात्रा की अनुमति दे दी गई. हालांकि, उनके बयान को लेकर सुरक्षा विशेषज्ञ और विपक्षी दल काफी सवाल उठा रहे हैं.
सरकार की चुप्पी और सियासी चर्चाएं
अभी तक अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस या गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सरकार की चुप्पी ने राजनीतिक गलियारों में कई अटकलों को जन्म दे दिया है. विपक्षी नेताओं और सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि जब देश का एक मंत्री ही ऐसे हथियारों के सामान के साथ यात्रा कर सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा पर इसका क्या असर होगा?
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