भीड़ को ऊपर से मिला इशारा, उस्मान हादी कट्टरपंथी... बांग्लादेश के पूर्व मंत्री ने यूनुस की खोल दी पोल

    Bangladesh Roits: बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख चेहरों में शामिल रहे शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं. राजधानी ढाका समेत कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं.

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    Bangladesh Roits: बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख चेहरों में शामिल रहे शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं. राजधानी ढाका समेत कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. आगजनी, तोड़फोड़ और झड़पों के चलते पूरे देश में तनाव का माहौल बन गया है. इसी उथल-पुथल के बीच 18 दिसंबर की देर रात उपद्रवियों ने पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी के आवास को आग के हवाले कर दिया.

    ढाका में हुई इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. मोहिबुल हसन चौधरी का घर जलाए जाने को विपक्षी नेताओं ने सरकार समर्थित हिंसा बताया है. घटना के वक्त पूर्व मंत्री घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन इस हमले को सत्ता और विरोधियों के बीच बढ़ते टकराव के तौर पर देखा जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है, जबकि जांच के आदेश दिए गए हैं.

    ‘अशांति फैलाकर चुनाव टालना चाहती है यूनुस सरकार’

    न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में मोहिबुल हसन चौधरी ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि शरीफ उस्मान हादी की मौत को जानबूझकर राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है ताकि देश में अराजकता फैलाई जा सके और आगामी चुनावों को टाला जा सके. उनके मुताबिक, मौजूदा हालात स्वतःस्फूर्त नहीं हैं, बल्कि इन्हें योजनाबद्ध तरीके से भड़काया गया है.

    भारत को उकसाने की कोशिश का आरोप

    मोहिबुल हसन चौधरी ने यह भी दावा किया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा भारतीय दूतावास को निशाना बनाने की कोशिश के पीछे एक सोची-समझी रणनीति है. उन्होंने कहा कि भारत को उकसाने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया हासिल करने के लिए इस तरह के कदम उठाए गए. उनके अनुसार, उस्मान हादी की मौत का भारतीय हाई कमीशन से कोई सीधा संबंध नहीं था, लेकिन फिर भी दूतावास को बंद कराने की मांग की गई.

    ‘भीड़ को ऊपर से मिला इशारा’

    पूर्व मंत्री का आरोप है कि मौजूदा अंतरिम सरकार के कुछ सलाहकारों ने हालात बिगाड़ने में भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि पहले भीड़ को उकसाया जाता है और बाद में पुलिस व सेना को मूकदर्शक बने रहने के निर्देश दिए जाते हैं. उनका दावा है कि यही वजह है कि कई इलाकों में हिंसा लंबे समय तक जारी रही और उसे तुरंत काबू में नहीं किया गया.

    उस्मान हादी को बताया कट्टरपंथी चेहरा

    शेख हसीना सरकार में मंत्री रह चुके मोहिबुल हसन चौधरी ने शरीफ उस्मान हादी को कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ा व्यक्ति बताया. उनके अनुसार, हादी खुले तौर पर हिंसा और खून-खराबे की बातें करता था. उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार ने हादी की मौत को बहाना बनाकर अन्य कट्टरपंथी संगठनों और राजनीतिक समूहों के साथ मिलकर देशभर में दंगे भड़काने की कोशिश की.

    चुनाव टालना मुख्य उद्देश्य, पूर्व मंत्री का दावा

    मोहिबुल हसन का कहना है कि मौजूदा सरकार का मुख्य लक्ष्य किसी भी तरह चुनावों को टालना है. उन्होंने कहा कि अंतरिम सत्ता में आए समूह अब यह समझ चुके हैं कि शासन चलाना आसान नहीं है, इसलिए वे अराजकता फैलाकर खुद को राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बनाए रखना चाहते हैं. उनका आरोप है कि जिहादी मानसिकता वाले तत्व हालात को अस्थिर कर देश को अनिश्चितता की ओर धकेल रहे हैं.

    बढ़ती हिंसा से आम लोग परेशान

    देश के कई हिस्सों में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा से आम नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है. बाजार, स्कूल और दफ्तर प्रभावित हो रहे हैं, जबकि सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच बांग्लादेश एक बार फिर गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजरता नजर आ रहा है.

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