बांग्लादेश, जो पहले से ही चीनी हथियारों पर निर्भर रहा है, अब तेजी से तुर्की की तरफ रुख कर रहा है. खासकर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के समय में, बांग्लादेश और तुर्की के बीच रक्षा संबंधों में गहरी पैठ बन रही है. यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने खलीफा के समय की पुनः स्थापना की मंशा जाहिर की है और मोहम्मद यूनुस की सरकार पर कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ रहा है.
21 जुलाई को बांग्लादेश की सरकार ने अपने एयर फोर्स चीफ, एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान को तुर्की के दौरे पर भेजा. इस दौरे के दौरान, हसन महमूद खान तुर्की के रक्षा अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और सैन्य उपकरणों की खरीद को लेकर बातचीत करेंगे. हाल ही में, बांग्लादेश के नेवी चीफ एडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन ने भी तुर्की के रास्ते अमेरिका का दौरा किया था.
तुर्की से सैन्य संबंधों में गहराई
हालांकि, बांग्लादेश और तुर्की के बीच रक्षा संबंधों की शुरुआत शेख हसीना के शासनकाल में हुई थी, जब बांग्लादेश ने लंबी दूरी की तोपें, हॉवित्जर और टैंक जैसे सैन्य उपकरणों की खरीद की थी, लेकिन यूनुस के नेतृत्व में इन संबंधों में और अधिक गहराई आई है. बांग्लादेशी रक्षा विश्लेषक अब इस पर चिंता जता रहे हैं कि इस बढ़ते सहयोग से चीन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जो लंबे समय से बांग्लादेश को हथियारों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है.
चीनी संबंधों में बदलाव का संकेत
कुछ समय पहले, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान की बीजिंग यात्रा को रद्द किया गया था, जो चीन के साथ रक्षा संबंधों में बदलाव का संकेत है. इस यात्रा का आयोजन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा किया गया था, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बांग्लादेश अब अपनी रक्षा नीति में नए दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
तुर्की के साथ रक्षा उद्योग संबंधों की नई दिशा
एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान तुर्की के इस्तांबुल में 22 से 27 जुलाई तक होने वाले 17वें अंतरराष्ट्रीय रक्षा उद्योग मेले में भाग लेंगे. यह मेले रक्षा क्षेत्र के नवीनतम विकास और संभावित साझेदारियों पर चर्चा करने का एक प्रमुख मंच है. इस दौरान, वे तुर्की से सैन्य उपकरणों की खरीद के बारे में बातचीत करेंगे, जिसमें बांग्लादेश की सेना को उच्च गुणवत्ता वाले आधुनिक उपकरण मिल सकते हैं. इसी बीच, बांग्लादेश के नेवी चीफ एडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन भी तुर्की के दौरे पर हैं, जहां वे तुर्की नौसेना के कमांडर से मुलाकात करेंगे. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और बढ़ाना है.
सैन्य उपकरणों की खरीद: तुर्की से बांग्लादेश के लिए नई उम्मीदें
बांग्लादेश, तुर्की से विभिन्न सैन्य उपकरणों की खरीद पर विचार कर रहा है. पिछले साल, बांग्लादेश ने तुर्की से 18 MKE Boran 105 मिमी हॉवित्जर तोपें खरीदी थीं, और भविष्य में इनकी संख्या 200 तक बढ़ाने की योजना है. इसके अलावा, बांग्लादेश तुर्की निर्मित TRG-230/300 रॉकेट प्रणालियों और ओटोकर तुलपर हल्के टैंकों की खरीद पर भी विचार कर रहा है. तुर्की से इन अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों की खरीद बांग्लादेश की सैन्य क्षमता को और मजबूत कर सकती है और इसे क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित कर सकती है. तुर्की द्वारा बांग्लादेश को दी जा रही सैन्य सहायता और दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी भविष्य में दक्षिण एशिया में सुरक्षा संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है.
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