Bondi Beach Shooting: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रविवार की शाम खुशी और आस्था का माहौल कुछ ही पलों में चीख-पुकार और खूनखराबे में बदल गया. बोंडी बीच पर हनुक्का फेस्टिवल के दौरान हुए आतंकी हमले में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है. यह हमला सुनियोजित तरीके से यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
हनुक्का के पहले दिन आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग अपने परिवारों के साथ शामिल हुए थे. लोग गीत-संगीत और धार्मिक अनुष्ठानों में डूबे हुए थे, तभी दो हमलावरों ने अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. पल भर में जश्न का माहौल भगदड़ और डर में बदल गया.
अक्टूबर 7 के हमले से बचे नेता, अब सिडनी में घायल
इस हमले में यहूदी समुदाय के प्रमुख नेता आर्सेन ऑस्ट्रोव्स्की भी घायल हो गए हैं. हैरानी की बात यह है कि आर्सेन इससे पहले 7 अक्टूबर 2023 को हुए फिलिस्तीनी हमलों से भी बच चुके थे. सिडनी की इस गोलीबारी में उन्हें सिर में गंभीर चोट आई है और फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
एक स्थानीय न्यूज चैनल से बातचीत में आर्सेन सिर पर बैंडेज लगाए नजर आए. उन्होंने कहा, “मुझे सिर में चोट लगी और खून बह रहा था. हमें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है. हर तरफ अफरातफरी मची हुई थी.” उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ हनुक्का समारोह में शामिल हुए थे. जैसे ही गोलियां चलीं, लोग जान बचाने के लिए जमीन पर झुक गए. चारों ओर चीखें थीं और डर का माहौल था.
‘कभी नहीं सोचा था ऑस्ट्रेलिया में ऐसा देखना पड़ेगा’
आर्सेन ऑस्ट्रोव्स्की ने बताया कि वह महज दो हफ्ते पहले ही ऑस्ट्रेलिया आए थे और यहां यहूदी समुदाय के साथ मिलकर एंटी-सेमिटिज्म के खिलाफ काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में इस तरह की हिंसा देखनी पड़ेगी.” उनके शब्दों में दर्द और हैरानी दोनों साफ झलक रही थी.
सरकारों की तीखी प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने इसे यहूदी ऑस्ट्रेलियाइयों को निशाना बनाकर किया गया आतंकी कृत्य बताया और कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े रहने की बात दोहराई. बोंडी बीच पर हुआ यह हमला न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि धार्मिक नफरत और आतंकवाद आज भी मासूम जिंदगियों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं.
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