अमेरिका की चुप्पी... जवाब मांगा तो कहा- पाकिस्तान से पूछो सवाल; आखिर क्यों भाग रहा US

    अमेरिका की जमीन से भारत को मिली परमाणु धमकी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने फ्लोरिडा में आयोजित एक कार्यक्रम में न सिर्फ भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी की, बल्कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी भी दे डाली.

    Asim Munir Threatens india america is not replying says ask to pakistan
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    अमेरिका की जमीन से भारत को मिली परमाणु धमकी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने फ्लोरिडा में आयोजित एक कार्यक्रम में न सिर्फ भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी की, बल्कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी भी दे डाली. इस अभूतपूर्व बयान ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की मंशा और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हैरानी की बात यह है कि इस मामले पर वॉशिंगटन में ट्रंप प्रशासन ने चुप्पी साध ली और सीधा जवाब देने से बचता रहा.


    अमेरिकी मीडिया के सवालों पर अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. विभाग के एक प्रवक्ता ने ईमेल के माध्यम से कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी है, लेकिन इस पर सवाल पाकिस्तान सरकार से ही पूछे जाने चाहिए. यह रुख साफ दर्शाता है कि वॉशिंगटन इस संवेदनशील मुद्दे में खुलकर पक्ष नहीं लेना चाहता.

    अमेरिका में दी गई अभूतपूर्व धमकी

    जनरल असीम मुनीर का यह बयान फ्लोरिडा के टैम्पा स्थित एक होटल में आयोजित डिनर के दौरान आया. यह कार्यक्रम पाकिस्तानी मूल के एक व्यापारी द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें करीब 120 लोग मौजूद थे. मुनीर ने कहा, "हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं. अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे." अमेरिका की धरती से इस तरह की धमकी पहले कभी किसी राष्ट्राध्यक्ष या सैन्य प्रमुख द्वारा नहीं दी गई थी.

    सिंधु जल संधि पर भड़काऊ बयान

    इतना ही नहीं, मुनीर भारत के सिंधु जल संधि के स्थगन को लेकर भी भड़क उठे. उन्होंने खुली धमकी देते हुए कहा कि यदि भारत पानी के प्रवाह को रोकेगा, तो पाकिस्तान 10 मिसाइल दागकर सिंधु नदी पर बने भारतीय बांध को नष्ट कर देगा. उनकी यह टिप्पणी साफ तौर पर पाकिस्तान की आक्रामक और अस्थिर सोच को दर्शाती है.

    भारत की सख्त प्रतिक्रिया

    भारत ने इस बयान को बेहद गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि वह किसी भी प्रकार के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे. मंत्रालय ने यह भी जोड़ा कि इस तरह के बयान ऐसे देश के परमाणु नियंत्रण की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह पैदा करते हैं, जो आतंकवादी समूहों के साथ गहरे रिश्ते रखता है.

    अंतरराष्ट्रीय छवि पर धब्बा

    अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह बयान न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह भी साबित करता है कि पाकिस्तान की सैन्य नेतृत्व विदेश की धरती से भी आक्रामक बयानबाजी करने से नहीं हिचकता. मित्र देशों की भूमि से दी गई ऐसी धमकियां न सिर्फ कूटनीतिक मर्यादा तोड़ती हैं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी खतरा बनती हैं.

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