जब-जब मिली छूट, चीन-पाकिस्तान के लिए घातक हुई सेना; जानिए कब-कब दुश्मनों को मिल चुका है करारा जवाब

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और उन्हें पूरी तरह ‘फ्रीहैंड’ दे दिया है. यानी अब यह फैसला सेना लेगी कि कब, कहां और कैसे पाकिस्तान को जवाब देना है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    पाकिस्तान की ओर से बार-बार की जा रही आतंकी हरकतों के चलते भारत अब निर्णायक मोड में आ चुका है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और उन्हें पूरी तरह ‘फ्रीहैंड’ दे दिया है. यानी अब यह फैसला सेना लेगी कि कब, कहां और कैसे पाकिस्तान को जवाब देना है. सैन्य नेतृत्व को मिली यह आज़ादी एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अब न सिर्फ जवाबी कार्रवाई के मूड में है, बल्कि दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.

    इतिहास गवाह है, जब सेना को मिली खुली छूट

    यह पहला मौका नहीं है जब भारत की सेना को सरकार की ओर से पूर्ण स्वायत्तता दी गई हो. इससे पहले भी कई अहम अवसरों पर प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को खुली छूट देकर यह दिखाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होगा.

    • उरी हमला (2016): जम्मू-कश्मीर के उरी में 18 सितंबर को हुए आतंकी हमले में 18 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद पूरे देश में गुस्सा था. प्रधानमंत्री ने सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी और 10 दिन के भीतर भारतीय सेना ने LoC पार कर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी. कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए और यह संदेश साफ हो गया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा.
    • पुलवामा हमला (2019): 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 40 जवान शहीद हुए. इसके तुरंत बाद सरकार ने फिर सेना को कार्रवाई की पूरी आज़ादी दी. प्रधानमंत्री ने खुद कहा कि “कब, कहां और कैसे सज़ा दी जाएगी, यह सेना तय करेगी.” परिणामस्वरूप, 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया.
    • गलवान घाटी संघर्ष (2020): जून 2020 में चीन के साथ हुए टकराव में भी भारतीय सैनिकों ने साहसिक प्रदर्शन किया. गलवान घाटी में झड़प के दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हुए, लेकिन भारतीय सेना ने चीन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस मौके पर भी पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि “सेना को भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए हर ज़रूरी कदम उठाने की छूट है.”

    अब की बारी फिर पाकिस्तान की?

    पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद एक बार फिर देश में आक्रोश है. पाकिस्तान बुरी तरह से घबराया हुआ है. उसकी सरकार के मंत्री तक सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में हमला कर सकता है. यह डर भारत की सैन्य नीति और जवाबी कार्रवाई की शक्ति का प्रमाण है.

    भारत की रणनीति अब स्पष्ट है — जो हमला करेगा, उसे उसी की भाषा में जवाब मिलेगा. और जब सेना को फ्रीहैंड मिल चुका है, तो जवाब न सिर्फ तय है, बल्कि तय समय पर मिलेगा भी.

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