Anant Singh Mokama: बिहार विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच मोकामा विधानसभा सीट एक बार फिर राजनीतिक केंद्र बनती जा रही है. कारण है, बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह की धमाकेदार वापसी. ‘छोटे सरकार’ के नाम से लोकप्रिय अनंत सिंह ने 14 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने का ऐलान कर दिया है, और इसके साथ ही पूरे बाढ़-मोकामा क्षेत्र की सियासी फिजा बदलने लगी है.
उनकी इस घोषणा ने राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर स्थानीय मतदाताओं तक को सक्रिय कर दिया है, क्योंकि अनंत सिंह का मैदान में उतरना सिर्फ एक नामांकन नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है.
जेडीयू से टिकट लगभग तय
हालांकि आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से माना जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) उन्हें इस बार अपने प्रत्याशी के रूप में टिकट दे सकती है. अगर ऐसा होता है, तो यह जेडीयू के लिए मोकामा में एक बड़ी रणनीतिक चाल मानी जाएगी.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अनंत सिंह का जेडीयू में आना एनडीए को मोकामा ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी मजबूत कर सकता है, जहां उनका व्यापक प्रभाव रहा है.
जनसमर्थन की शक्ति दिखाएगा नामांकन जुलूस
अनंत सिंह के नामांकन प्रभारी संचू सिंह ने बताया कि 14 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से बाढ़ के कारगिल मार्केट में हजारों समर्थकों का जमावड़ा होगा. वहाँ से यह भीड़ एक जुलूस की शक्ल में स्टेशन रोड होते हुए अनुमंडल कार्यालय पहुंचेगी, जहां नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
उनके मुताबिक, “यह सिर्फ एक नामांकन नहीं, बल्कि ‘जन समर्थन’ का सार्वजनिक प्रदर्शन होगा.” इसका सीधा अर्थ है कि अनंत सिंह अपने जनाधार को मजबूत राजनीतिक संदेश के रूप में इस्तेमाल करने जा रहे हैं, न केवल विरोधियों को बल्कि खुद अपनी पार्टी को भी.
एनडीए समर्थकों को भेजा गया है आमंत्रण
अनंत सिंह के चुनाव कार्यालय प्रभारी रवि विद्यार्थी ने कहा, “सभी एनडीए समर्थकों को सुबह 10 बजे तक पहुंचने का निमंत्रण दिया गया है.” यह बयान स्पष्ट करता है कि इस बार अनंत सिंह की उम्मीदवारी केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि एनडीए के रणनीतिक एजेंडे का भी हिस्सा है.
मोकामा में ‘छोटे सरकार’ की राजनीतिक विरासत
अनंत सिंह का मोकामा से नाता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी है. वे सालों से इस इलाके में प्रभावशाली जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी छवि बनाए हुए हैं.
उन्होंने एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी मोकामा सीट जीती थी. उनके नाम से आज भी इलाके में सामाजिक योजनाएं, खेलकूद, और स्थानीय विकास कार्य जुड़े हुए हैं. इसलिए उनकी वापसी को लौटते हुए नेतृत्व की तरह देखा जा रहा है, जो जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है.
क्या मोकामा में फिर बदलेगा समीकरण?
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यदि अनंत सिंह को जेडीयू का टिकट मिल जाता है, तो इससे दो बड़े परिणाम हो सकते हैं. एनडीए को स्थानीय स्तर पर बढ़त मिलेगी, खासकर उन ग्रामीण इलाकों में जहां उनका प्रभाव अब भी कायम है.
विपक्ष के लिए मुकाबला और कठिन हो जाएगा, क्योंकि अनंत सिंह एक मास लीडर की छवि रखते हैं. हालांकि, उनके खिलाफ आपराधिक मामलों का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन यह भी सच है कि उन्होंने हमेशा अपने जनसमर्थन से इन आलोचनाओं को पीछे छोड़ दिया है.
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