मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपने संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करते हुए अनंत अंबानी को कंपनी का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया है. 1 मई 2025 से प्रभावी यह नियुक्ति पांच साल के कार्यकाल के लिए होगी. फिलहाल अनंत अंबानी कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर जुड़े हुए हैं. इस घोषणा की पुष्टि रिलायंस ने एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए की.
कंपनी के बयान के अनुसार, 25 अप्रैल को हुई बोर्ड मीटिंग में ह्यूमन रिसोर्स, नोमिनेशन और रिम्यूनरेशन कमेटी की सिफारिश पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया गया. यह कदम रिलायंस के भावी नेतृत्व को नई दिशा देने के रूप में देखा जा रहा है.
कई वर्टिकल्स में अनुभव
अनंत अंबानी पहले से ही रिलायंस के कई महत्वपूर्ण बिजनेस वर्टिकल्स से जुड़े हुए हैं.
एनर्जी डिवीजन: अगस्त 2022 से रिलायंस के ऊर्जा कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं.
जियो प्लेटफॉर्म्स: मार्च 2020 से बोर्ड में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
रिलायंस रिटेल वेंचर्स: मई 2022 से सदस्य हैं.
रिलायंस न्यू एनर्जी और न्यू सोलर एनर्जी: दोनों कंपनियों के बोर्ड में जून 2021 से शामिल हैं.
रिलायंस फाउंडेशन: सितंबर 2022 से फिलैंथ्रॉपिक विंग के बोर्ड का भी हिस्सा हैं.
लीडरशिप ट्रांजिशन की दिशा में एक और कदम
मुकेश अंबानी लंबे समय से अपने बिजनेस एम्पायर को अगली पीढ़ी के हाथों सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. दिसंबर 2023 में धीरूभाई अंबानी की जयंती पर उन्होंने स्पष्ट किया था कि रिलायंस का भविष्य आकाश, ईशा और अनंत के कंधों पर है. उन्होंने भरोसा जताया कि अगली पीढ़ी कंपनी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.
आकाश और ईशा पहले ही अहम भूमिकाओं में
आकाश अंबानी ने जून 2022 में रिलायंस जियो इंफोकॉम के चेयरमैन का पद संभाला था. ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की डिग्री लेने के बाद आकाश ने 2014 में फैमिली बिजनेस में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की थी. आज वह जियो और डिजिटल बिजनेस की रणनीति तय करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
ईशा अंबानी, जिन्होंने येल और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है, रिलायंस रिटेल वेंचर्स का नेतृत्व कर रही हैं. उनके नेतृत्व में रिलायंस ने Ajio और Tira जैसे ई-कॉमर्स और ब्यूटी सेगमेंट में बड़े कदम उठाए हैं.
अनंत की नियुक्ति का क्या मतलब है?
अनंत अंबानी की नई भूमिका का मतलब सिर्फ एक परिवारिक उत्तराधिकार योजना नहीं है, बल्कि रिलायंस की भविष्य की रणनीतिक दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है, खासकर एनर्जी ट्रांजिशन और सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल की ओर बढ़ते कदमों में.
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