दक्षिण चीन सागर में तूफान मचाएगा अमेरिका! ड्रैगन ने भी ताइवान में भेजे 74 जेट, क्या एक नए युद्ध की तैयारी?

    चीन ने 74 लड़ाकू विमानों का बड़ा काफिला ताइवान की ओर भेजा. इनमें से 61 विमानों ने उस मध्य रेखा को पार किया, जिसे चीन और ताइवान के बीच की एक अनौपचारिक सीमा माना जाता है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    ताइवान जलडमरूमध्य एक बार फिर से एशिया की भू-राजनीतिक भट्टी में सुलगने लगा है. गुरुवार देर रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक, चीन ने 74 लड़ाकू विमानों का बड़ा काफिला ताइवान की ओर भेजा. इनमें से 61 विमानों ने उस मध्य रेखा को पार किया, जिसे चीन और ताइवान के बीच की एक अनौपचारिक सीमा माना जाता है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि विमानों को दो चरणों में भेजा गया, हालांकि इस अचानक और बड़ी सैन्य गतिविधि के पीछे चीन की मंशा क्या है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है.

    चीन की चेतावनी या हमला पूर्वाभ्यास?

    विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सिर्फ सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि ताइवान पर मानसिक दबाव और सैन्य घेराव की रणनीति का हिस्सा हो सकता है. चीन शुरू से ताइवान को अपना हिस्सा मानता आया है और समय-समय पर इस तरह की एरियल सर्जरी कर के द्वीप को घेरने या डराने की कोशिश करता रहा है.

    इस बार यह घटनाक्रम और भी अहम इसलिए हो जाता है क्योंकि उसी दौरान अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर USS निमित्ज, दक्षिण चीन सागर से मिडिल ईस्ट की ओर रवाना हो चुका है. यानी अमेरिका की उपस्थिति में भी चीन की यह आक्रामकता एक बड़ा संदेश देती है.

    ब्रिटेन के जहाज ने भी किया जलडमरूमध्य में प्रवेश

    इस बीच, ब्रिटेन का रॉयल नेवी गश्ती जहाज HMS स्पी भी हाल ही में ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरा. ताइवान के विदेश मंत्रालय ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग है, और कोई भी देश इसके माध्यम से वैध नौवहन कर सकता है. ब्रिटेन के ताइपे स्थित प्रतिनिधि कार्यालय ने बयान जारी कर बताया कि HMS स्पी का नौवहन अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून और संयुक्त राष्ट्र संधि के तहत हुआ.

    चीन ने दिखाई नाराजगी, PLA ने किया जवाबी एक्शन

    ब्रिटिश जहाज की उपस्थिति ने चीन की भौंहें चढ़ा दी हैं. चीन की जन मुक्ति सेना (PLA) के पूर्वी थिएटर कमांड ने कहा कि उन्होंने पूरे ऑपरेशन की निगरानी की और सैन्य प्रतिक्रिया दी. PLA ने ब्रिटेन पर आरोप लगाया कि उसकी यह कार्रवाई स्थिति को जानबूझकर भड़काने वाली है, जो ताइवान जलडमरूमध्य की शांति और स्थिरता को कमजोर करती है. हालांकि, अभी तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है कि चीन द्वारा भेजे गए 74 विमानों का सीधा संबंध ब्रिटिश जहाज की उपस्थिति से है या नहीं.

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