हजारों मिसाइलें, 180 फाइटर जेट... फाइनल असॉल्ट के लिए अमेरिका तैयार, ईरान पर अब समंदर से होगा हमला!

    मध्य पूर्व में इज़राइल और ईरान के बीच चल रही सैन्य झड़पों के बीच अमेरिका अब स्थिति को निर्णायक मोड़ पर ले जाने की तैयारी कर रहा है.

    America is ready Iran will now be attacked from the sea
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    वॉशिंगटन/तेल अवीव/तेहरान: मध्य पूर्व में इज़राइल और ईरान के बीच चल रही सैन्य झड़पों के बीच अमेरिका अब स्थिति को निर्णायक मोड़ पर ले जाने की तैयारी कर रहा है. ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत इज़राइल की कार्रवाई और ईरानी प्रतिक्रिया के बाद अब अमेरिका ने अपनी तीन एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स को क्षेत्र में सक्रिय कर दिया है, जो किसी बड़े सैन्य हस्तक्षेप के संकेत हैं.

    विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम सिर्फ ईरान पर दबाव बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में संतुलन और प्रतिरोध की रणनीति का हिस्सा है, जो अमेरिका की वैश्विक सैन्य उपस्थिति की पुनर्परिभाषा भी कर सकता है.

    मिडिल ईस्ट में तैनात तीन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स

    1. USS Carl Vinson (CVN-70)

    पहले से मिडिल ईस्ट में तैनात यह ग्रुप अमेरिका की नौसेना शक्ति का मुख्य स्तंभ है. इसमें लगभग 90 एयरक्राफ्ट शामिल हैं, जिनमें:

    • F/A-18E/F Super Hornets
    • EA-18G Growlers (इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान)
    • E-2D Hawkeye (एयरबोर्न कमांड एंड कंट्रोल)
    • MH-60R/S हेलीकॉप्टर यूनिट्स

    इसके साथ USS Princeton (क्रूजर) और दो गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर्स तैनात हैं.

    2. USS Nimitz (CVN-68)

    दक्षिण चीन सागर से हटाकर इसे समय से पहले मिडिल ईस्ट रवाना कर दिया गया है. इसके साथ आने वाले संसाधन:

    • Carrier Air Wing 17 (करीब 90 एयरक्राफ्ट)
    • चार F/A-18 स्क्वाड्रन
    • इलेक्ट्रॉनिक और अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट
    • लॉजिस्टिक्स सपोर्ट यूनिट्स
    • तीन से चार मिसाइल डिस्ट्रॉयर और एक क्रूजर

    3. USS Gerald R. Ford (CVN-78)

    अब तक का सबसे उन्नत और बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर, जिसे मेडिटेरेनियन सागर की ओर मूव किया गया है. इसमें:

    • चार स्क्वाड्रन F/A-18 Super Hornets
    • EA-18G, E-2C/D, MH-60 हेलीकॉप्टर यूनिट्स
    • छह गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और एक क्रूजर
    • न्यूक्लियर सबमरीन की सुरक्षा

    इस तैनाती के बाद अमेरिका के पास मिडिल ईस्ट क्षेत्र में 180 से अधिक फाइटर जेट, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताएं, और मिसाइल डिफेंस सिस्टम की भारी मौजूदगी होगी.

    रणनीतिक संदर्भ: यह सिर्फ युद्ध की तैयारी नहीं

    अमेरिका की यह तैनाती केवल ईरान के खिलाफ हमले की आशंका के कारण नहीं है, बल्कि इससे जुड़े कई रणनीतिक उद्देश्य भी हैं:

    • इज़राइल की रक्षा में मजबूती – ईरानी मिसाइल हमलों और हिज़्बुल्लाह की गतिविधियों से इज़राइली ठिकानों की रक्षा
    • ईरान समर्थित समूहों जैसे हूती और हिज़्बुल्लाह को संदेश – यमन, सीरिया और लेबनान में सक्रिय आतंकवादी समूहों पर दबाव
    • पारंपरिक युद्ध को रोकने के लिए 'डिटरेंस पोज़िशनिंग' – ताकत का ऐसा प्रदर्शन जो युद्ध से पहले ही संभावित विरोधियों को रोक सके
    • ईरान-रूस-चीन गठजोड़ के असर को सीमित करना – वैश्विक शक्तियों के समीकरण को नियंत्रित करना

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