दोहा/नई दिल्ली: ओलिंपिक 2036 की मेजबानी को लेकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा अब और तेज़ हो गई है. कतर ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि वह अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) के साथ निरंतर संवाद में है और आगामी ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा.
कतर ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष शेख जुआन बिन हमद अल थानी ने कहा, “हमारी 95% खेल अवसंरचना पहले से तैयार है, और शेष 5% को पूर्ण करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक समर्पित योजना बनाई गई है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश के पास वैश्विक खेल आयोजन कराने का हालिया अनुभव है.
कतर एक वैश्विक स्पोर्टिंग डेस्टिनेशन
कतर ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है:
इन आयोजनों में कतर ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आयोजन क्षमता और खेल पर्यटन को लेकर अपनी तैयारियों को साबित किया है.
भारत की स्थिति: अहमदाबाद बना प्रमुख दावेदार
भारत ने 2036 ओलिंपिक की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया है.
1 जुलाई, 2025 को स्विट्जरलैंड के लुज़ान में आयोजित IOC की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से यह दावेदारी प्रस्तुत की.
भारत ने पिछले वर्ष लेटर ऑफ इंटेंट भेजते हुए अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे. IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा और खेल मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को ओलिंपिक के इतिहास में भारत की एक बड़ी पहल बताया.
अहमदाबाद को चुनने के पीछे प्रमुख तर्क यह दिया गया है कि देश के 60 करोड़ युवाओं को पहली बार अपने ही देश में ओलिंपिक देखने का अवसर मिलेगा. साथ ही भारत ने 'वसुधैव कुटुंबकम' के सिद्धांत के आधार पर इस आयोजन को एक वैश्विक पारिवारिक अनुभव के रूप में परिभाषित किया है.
2036 ओलिंपिक के अन्य संभावित दावेदार
भारत और कतर के अलावा तुर्की, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और चिली भी ओलिंपिक 2036 की मेजबानी के इच्छुक देशों की सूची में हैं.
IOC फिलहाल एक निरंतर संवाद प्रक्रिया (Continuous Dialogue Process) के तहत सभी इच्छुक देशों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है, जिसमें विभिन्न पहलुओं जैसे अवसंरचना, राजनयिक स्थिरता, खेल संस्कृति और सामुदायिक प्रभाव का मूल्यांकन किया जाता है.
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