वॉशिंगटन: सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा शनिवार को अपने पहले आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंचे. सोमवार को वे वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. यह यात्रा इसलिए ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि सीरिया की आज़ादी के 79 साल बाद किसी सीरियाई राष्ट्रपति का यह पहला अमेरिकी दौरा है.
अमेरिकी प्रशासन के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक में ISIS के खिलाफ संयुक्त अभियान, सीरिया के पुनर्निर्माण, और मध्य पूर्व की सुरक्षा व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
पूर्व में रहे थे वॉशिंगटन की निगरानी सूची में
अहमद अल-शरा का अमेरिका दौरा कई मायनों में चौंकाने वाला है. कुछ वर्ष पहले तक वॉशिंगटन उन्हें आतंकी गतिविधियों में संलिप्त मानता था. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने 2017 में उनके ऊपर 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था.
उस समय शरा का नाम हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक संगठन से जुड़ा बताया गया था, जो कभी अल-कायदा के सहयोगी गुटों में गिना जाता था. लेकिन पिछले वर्ष, शरा के नेतृत्व वाले गुट ने बशर अल-असद सरकार को अपदस्थ कर सीरिया में सत्ता संभाली और उसके बाद से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ संबंध सुधारने की कोशिशें शुरू कीं.
अमेरिकी विदेश विभाग ने इसी वर्ष जुलाई में HTS को आतंकी संगठनों की सूची से हटाने का निर्णय लिया, जिसके बाद शरा का वॉशिंगटन दौरा संभव हो पाया.
सऊदी अरब में मुलाकात के बाद बना रास्ता
सीरिया के नए नेतृत्व और अमेरिका के बीच संवाद की शुरुआत इसी वर्ष मई में हुई थी, जब ट्रंप और शरा की पहली मुलाकात सऊदी अरब में आयोजित क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में हुई थी. उस बैठक में दोनों पक्षों ने “आतंकवाद के खिलाफ साझा सहयोग” और “सीरिया के पुनर्निर्माण में अमेरिकी योगदान” पर चर्चा की थी.
इस बैठक के बाद वॉशिंगटन ने दमिश्क पर लगे कुछ आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंधों को आंशिक रूप से हटाने का निर्णय लिया. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि शरा की सरकार अब सीरिया में स्थिरता लाने और आतंकवादी नेटवर्क खत्म करने के प्रति गंभीर दिखाई दे रही है.
ISIS के खिलाफ संयुक्त मोर्चा
अहमद अल-शरा के अमेरिका पहुंचने से ठीक पहले, सीरियाई गृह मंत्रालय ने देश के कई प्रांतों में ISIS के ठिकानों पर हवाई और जमीनी हमलों की पुष्टि की.
माना जा रहा है कि शरा और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक के दौरान ISIS के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति पर सहमति बन सकती है. सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और सीरिया मिलकर सूचना साझा करने, सीमा निगरानी और आतंकियों की फंडिंग रोकने जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की योजना बना सकते हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा, "सीरिया की नई सरकार हमारे कई महत्वपूर्ण मांगों पर सहयोग कर रही है जिसमें लापता अमेरिकी नागरिकों की खोज और रासायनिक हथियारों के उन्मूलन जैसे कदम शामिल हैं. यह संकेत है कि दमिश्क अब जिम्मेदार भूमिका निभाना चाहता है."
अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की संभावना
सीरियाई राजनयिक सूत्रों के अनुसार, अमेरिका दमिश्क के नजदीक एक संयुक्त समन्वय केंद्र या सैन्य अड्डा स्थापित करने की योजना बना रहा है. इस अड्डे का उद्देश्य न केवल सीरिया-इजरायल सीमा पर हालात पर नजर रखना होगा, बल्कि ISIS के अवशेष गुटों पर त्वरित कार्रवाई करना भी रहेगा.
यह प्रस्ताव दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को नई दिशा दे सकता है, हालांकि क्षेत्र के कुछ देशों विशेषकर ईरान और रूस ने इस संभावित साझेदारी पर चिंता जताई है.
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