ऑपरेशन सिंदूर के बाद दूसरे बड़े हमले के लिए तैयार था भारत, तब पाकिस्तान ने अमेरिका से मांगी थी मदद

    भारत द्वारा हाल ही में किया गया “ऑपरेशन सिंदूर” दक्षिण एशिया के सुरक्षा संतुलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है.

    After Operation Sindoor India was ready for another attack
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत द्वारा हाल ही में किया गया “ऑपरेशन सिंदूर” दक्षिण एशिया के सुरक्षा संतुलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. इस ऑपरेशन को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया, जिसमें भारत ने सीमापार स्थित आतंकी ठिकानों को लक्ष्य बनाते हुए सटीक सैन्य कार्रवाई की.

    भारत के इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवाद के विरुद्ध कड़ा संदेश देना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए त्वरित एवं निर्णायक कदम उठाना था.

    आतंकी ढांचों को किया गया निष्क्रिय

    सैन्य सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया. हमले की प्रकृति उच्च सटीकता वाली थी, जिसमें नागरिक बुनियादी ढांचे को क्षति पहुँचाए बिना केवल आतंकी ठिकानों को निष्क्रिय किया गया.

    इसके बाद पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई संभावित जवाबी कार्रवाई का पूर्वानुमान लेते हुए, भारत ने 11 रणनीतिक सैन्य ठिकानों पर सशस्त्र जवाबी प्रहार किया, जिनमें नूर खान एयरबेस जैसे उच्च महत्व के कमांड केंद्र भी शामिल थे.

    पाकिस्तान की जवाबी तैयारी सीमित

    रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय मिसाइल हमले के तुरंत बाद, पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत से संपर्क किया और संभावित सैन्य बढ़त को लेकर आपत्ति जताई. इस दौरान पाकिस्तान द्वारा अमेरिका सहित अपने पारंपरिक कूटनीतिक भागीदारों से मध्यस्थता के लिए संपर्क करने की खबरें भी सामने आईं.

    अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा 10 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से सीधी बातचीत की पहल इसी पृष्ठभूमि में हुई. इन प्रयासों का उद्देश्य दक्षिण एशिया में तनाव को सीमित रखना था.

    भारत का रुख रहा स्पष्ट

    भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई सैन्य चैनलों के माध्यम से संचालित की जा रही है और कोई भी युद्धविराम पहल उसी माध्यम से स्वीकार्य होगी. इस दौरान भारत ने किसी भी बाहरी दबाव के संकेतों को नजरअंदाज करते हुए ऑपरेशन के मूल उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित रखा.

    भारत ने स्पष्ट किया कि उसके सैन्य अभियान का उद्देश्य पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती देना या असैनिक आबादी पर प्रभाव डालना.

    रणनीतिक संदेश और क्षेत्रीय प्रभाव

    “ऑपरेशन सिंदूर” को रणनीतिक हलकों में एक “प्रोएक्टिव डिटरेंस” (Proactive Deterrence) नीति के रूप में देखा जा रहा है. भारत की ओर से 7 मई की सुबह शुरू हुए ऑपरेशन की कुल अवधि मात्र 25 मिनट रही, जिसमें विशिष्ट लक्ष्यों को उच्च सटीकता के साथ निष्क्रिय किया गया.

    इस सैन्य कार्रवाई से यह संकेत गया है कि भारत अब सीमापार आतंकी हमलों के जवाब में सीमित लेकिन प्रभावशाली बल प्रयोग के लिए तैयार है, जिसमें पारंपरिक और उच्च तकनीक प्रणालियों का उपयोग शामिल है.

    ये भी पढ़ें- भारत तो दूर... बलूचों का हमला भी झेल नहीं पाया पाकिस्तानी सेना का चीनी बख्तरबंद वाहन, देखें वीडियो